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Panchkoshi Parikrama: महाकुंभ में डुबकी लगाने के साथ ही जरूर करें पंचकोशी परिक्रमा, जीवन पर्यंत मिलेंगे शुभ फल

Panchkoshi Parikrama: प्रयागराज की पंचकोशी परिक्रमा करने से आपको क्या लाभ मिलते हैं और महाकुंभ के दौरान यह परिक्रमा क्यों जरूरी है, आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

Written By: Naveen Khantwal
Published : Jan 21, 2025 13:07 IST, Updated : Jan 21, 2025 13:10 IST
Panchkoshi parikrama
Image Source : PTI पंचकोशी परिक्रमा

Panchkoshi Parikrama: तीर्थों के राजा प्रयागराज में महाकुंभ का पावन पर्व 13 जनवरी से शुरू हो चुका है। इस दौरान बड़ी संख्या में भक्त प्रयागराज में डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं। माना जाता है कि, प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान डुबकी लगाने से व्यक्ति के सभी कष्ट और पाप दूर हो जाते हैं। इसके साथ ही अगर आप महाकुंभ में डुबकी लगाने के साथ ही पंचकोशी परिक्रमा भी करते हैं, तो आपकी आध्यात्मिक उन्नति और अंत समय में आपको मोक्ष की प्राप्ति होती है। आइए ऐसे में जान लेते हैं कि आखिर पंचकोशी परिक्रमा क्या है और इसे करने से कैसे फल प्राप्त होते हैं। 

पंचकोशी परिक्रमा क्या है?

प्रयागराज तीर्थ पांच योजन और बीस कोस तक फैला हुआ है। इसमें अंतर्वेदी, मध्यवेदी, बहिर्वेदी तीन वेदियां हैं। इसी में पवित्र संगम और गंगा-यमुना नदियों के 6 पवित्र घाट भी हैं। इसके साथ ही कई तीर्थ, कुंभ, आश्रम भी पांच कोस में आते हैं। माना जाता है कि पंचकोशी परिक्रमा करने से महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को शुभ फलों की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख समृद्धि वो पाते हैं। वहीं कुछ विद्वान मानते हैं कि, पंचकोशी परिक्रमा करने से पांच विकार- काम, क्रोध, मोह, मद और लोभ से मुक्ति मिलती है। पंचकोशी परिक्रमा करने वाले भक्त का आध्यात्मिक विकास भी होता है और उसे आत्मिक शांति मिलती है। मान्यता यह भी है कि पंचकोशी परिक्रमा करने से सभी तीर्थों के दर्शन का फल भक्तों को प्राप्त होता है। 

महाकुंभ में पंचकोशी परिक्रमा का महत्व 

महाकुंभ का शुभ संयोग 144 सालों के बाद प्रयागराज में बना है। ऐसे में महाकुंभ में डुबकी लगाने के साथ ही अगर आप पंचकोशी परिक्रमा भी करते हैं, तो न केवल आपको शुभ फलों की प्राप्ति होती है बल्कि आपके परिवार और पितरों को भी इससे लाभ मिलता है। महाकुंभ में डुबकी लगाने के बाद पंचकोशी परिक्रमा अगर आप कर लेते हैं तो आजीवन इसके शुभ परिणाम आपको मिलते हैं। साथ ही अंत समय में आपको सद्गति भी प्राप्त होती है। इसलिए अगर आप भी महाकुंभ में डुबकी लगाने वाले हैं तो पंचकोशी परिक्रमा भी आपको अवश्य करनी चाहिए। 

साधु-संत पंचकोशी परिक्रमा 

पंचकोशी परिक्रमा आध्यात्म के मार्ग पर चलने वाले साधु संत भी करते हैं। साल 2025 में महाकुंभ के दौरान नागा साधुओं अखाड़े भी पंचकोशी परिक्रमा करेंगे। यानि साधु-संतों के लिए भी पंचकोशी परिक्रमा बेहद आवश्यक मानी जाती है। पंचकोशी यात्रा के दौरान कई धार्मिक स्थलों के दर्शन करने को मिलते हैं, जहां आध्यात्मिक ऊर्जा का निवास है।  इसलिए यह परिक्रमा आपके ज्ञान, विवेक और आध्यात्मिक बल को बढ़ाती है। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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