Friday, December 13, 2024
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VIDEO: रामलला को पहनाए गए उत्तराखंड की ‘ऐपण’ कला से सुसज्जित परिधान, जानिए क्या है इसकी खासियत?

अयोध्या के रामलला को ऐपण कला से बने सुसज्जित परिधान पहनाए गए। इन खास परिधानों को उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी खुद लेकर अयोध्या पहुंचे हुए थे।

Edited By: Dhyanendra Chauhan @dhyanendraj
Published : Sep 24, 2024 17:42 IST, Updated : Sep 24, 2024 17:46 IST
रामलला ने पहने खास परिधान- India TV Hindi
Image Source : X@UKCMO रामलला ने पहने खास परिधान

अयोध्या के भव्य राम मंदिर में हर रोज भक्तों की भीड़ उमड़ती है। रामलला के दर्शन को लेकर भक्त दूर-दूर से खिंचे चले आते हैं। रामलला का श्रंगार भी हर रोज बेहद खास होता है। अयोध्या के रामलला ने मंगलवार को ऐपण कला से सुसज्जित रेशमी वस्त्र धारण किए। 

उत्तराखंडवासियों के लिए एक ‘सौभाग्यशाली क्षण’

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को कहा कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या में रामलला की प्रतिमा को विश्वविख्यात ‘ऐपण कला’ से सुसज्जित रेशमी शुभवस्त्रम पहनाया जाना उत्तराखंडवासियों के लिए एक ‘सौभाग्यशाली क्षण’ करार दिया। भगवान राम के इन वस्त्रों को प्रदेश के कुशल शिल्पकारों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रेरणा से तैयार किया। 

सीएम धामी अयोध्या लेकर गए वस्त्र

धामी वस्त्रों को स्वयं अयोध्या लेकर गए और श्रीराम मंदिर में भेंट किया। इस शुभवस्त्रम् पर न केवल प्रदेश की ‘ऐपण कला’ नजर आती है बल्कि इसमें निहित भक्ति और श्रम साधकों की अद्वितीय शिल्पकला का अद्भुत समन्वय भी है। 

धामी ने शेयर किया वीडियो

मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर शुभवस्त्रम में रामलला की तस्वीर साझा करते हुए इसे सभी 'उत्तराखंडियों के लिए अत्यंत सौभाग्यशाली क्षण’ करार दिया। उन्होंने कहा, 'अयोध्या में श्री रामलला के दिव्य विग्रह पर देवभूमि उत्तराखंड की ऐपण कला से सुसज्जित शुभवस्त्रम समस्त देवभूमिवासियों की प्रभु श्रीराम के प्रति असीम श्रद्धा एवं आस्था का अनुपम प्रतीक है। यह पावन वस्त्र श्रम साधकों द्वारा निर्मित किया गया है। यह हम सभी उत्तराखंडवासियों के लिए अत्यंत सौभाग्यशाली क्षण है।'

उत्तराखंड की कला को मिली राष्ट्रीय पहचान

धामी सरकार की ओर से कहा गया कि इससे उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और पारंपरिक कलाओं को न केवल राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान मिल रही है बल्कि आने वाली पीढ़ियां भी इससे प्रेरित होकर इससे जुड़ेंगी। 

क्या है ऐपण कला?

उत्तराखंड के कुमांउ क्षेत्र में प्रसिद्ध लोक कला ऐपण में गेरू के ऊपर चावल के बिस्वार यानी पिसे चावलों के घोल से उंगलियों की मदद से आकृतियों को उकेरा जाता है। इसे खास त्योहारों जैसे दीपावली आदि पर घरों की देहरी, मंदिरों, दीवारों और कपड़ों पर बनाया जाता है। 

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