Friday, April 19, 2024
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UN ने म्यांमार में तख्तापलट के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया, भारत ने नहीं लिया वोटिंग में हिस्सा

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक दुर्लभ कदम उठाते हुए म्यांमार की सैन्य सरकार के खिलाफ व्यापक वैश्विक विरोध प्रकट करते हुए एक प्रस्ताव पारित कर देश में सैन्य तख्तापलट की निंदा की है

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: June 19, 2021 10:33 IST
UN ने म्यांमार में तख्तापलट के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया, भारत ने नहीं लिया वोटिंग में हिस्सा - India TV Hindi
Image Source : FILE UN ने म्यांमार में तख्तापलट के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया, भारत ने नहीं लिया वोटिंग में हिस्सा 

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक दुर्लभ कदम उठाते हुए म्यांमार की सैन्य सरकार के खिलाफ व्यापक वैश्विक विरोध प्रकट करते हुए एक प्रस्ताव पारित कर देश में सैन्य तख्तापलट की निंदा की है, उसके खिलाफ शस्त्र प्रतिबंध का आह्वान किया है तथा लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को बहाल करने की मांग की है। भारत समेत 35 देशों ने इन प्रस्ताव पर मतदान में हिस्सा नहीं लिया। भारत का कहना है कि मसौदा प्रस्ताव उसके विचारों को प्रतिबिम्बित नहीं करता। 

भारत ने अपने बयान में कहा, ‘‘आज के मसौदा प्रस्ताव में हमारे विचार प्रतिबिंबित होते प्रतीत नहीं हो रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान पर जोर देता रहा है और ऐसे में हम इस बात को दोहराना चाहते हैं कि इस प्रस्ताव में म्यांमार के पड़ोसी देशों एवं क्षेत्र को शामिल करते हुए एक ‘‘सलाहकार एवं रचनात्मक’’ दृष्टिकोण अपनाना महत्वपूर्ण है।’’ भारत ने कहा, ‘‘पड़ोसी देशों और क्षेत्र के कई देशों से इसे समर्थन नहीं मिला है। आशा है कि यह तथ्य उनके लिए आंख खोलने वाला होगा, जिन्होंने जल्दबाजी में कार्रवाई करने का विकल्प चुना।’’ उसने कहा कि उसका मानना है कि इस प्रस्ताव को इस समय स्वीकृत करना ‘‘म्यांमार में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने की दिशा में हमारे संयुक्त प्रयासों के लिए अनुकूल नहीं है। इसलिए हम इस प्रक्रिया में शामिल नहीं हो रहे’’। 

प्रस्ताव के समर्थकों को उम्मीद थी कि 193 सदस्यीय विश्व संस्था सर्वसम्मति से इसे स्वीकृत कर देगी लेकिन बेलारूस ने मतदान कराने का आह्वान किया। प्रस्ताव के पक्ष में 119 देशों ने वोट किया, बेलारूस ने इसका विरोध किया, जबकि भारत, चीन और रूस समेत 36 देशों ने इसमें हिस्सा नहीं लिया। यह प्रस्ताव यूरोपीय संघ और कई पश्चिमी देशों एवं दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों के 10 सदस्यीय संघ (आसियान), जिसमें म्यामां भी शामिल है, सहित तथाकथित ‘कोर ग्रुप’ की लंबी बातचीत का परिणाम था। संयुक्त राष्ट्र के एक राजनयिक ने कहा कि प्रस्ताव पर सर्वसम्मति के लिए आसियान के साथ एक समझौता किया गया था, लेकिन वोट के दौरान इसके सदस्य देश एकमत नहीं दिखे। 

आसियान के सदस्यों इंडोनेशिया और वियतनाम सहित कुछ देशों ने पक्ष में वोट किया तथा थाईलैंड और लाओस सहित अन्य ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। प्रस्ताव को अपेक्षित समर्थन नहीं मिला, लेकिन महासभा की यह कार्रवाई एक फरवरी को हुए सैन्य तख्तापलट की निंदा करती है जिसके तहत आंग सान सू ची की पार्टी को सत्ता से हटा दिया गया था। तख्तापलट के बाद से सू ची और सरकार के कई अन्य नेता एवं अधिकारी नजरबंद हैं जिसके विरोध में देश में प्रदर्शन चल रहा है। हालांकि यह प्रस्ताव कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं है। 

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