Friday, July 11, 2025
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Israel Iran Conflict: ईरान में फंसे भारतीय छात्रों ने की बड़ी अपील, "हमें जल्द निकाला जाए, धमाकों से जान पर बनी है"

ईरान में फंसे भारतीय छात्रों ने सरकार से अपील करते हुए कहा है कि उन्हें तत्काल तेहरान से निकाला जाए। क्योंकि वहां रोजाना होने वाले धमाकों से उनकी जान को खतरा बना है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Jun 16, 2025 15:12 IST, Updated : Jun 16, 2025 15:21 IST
ईरान पर हो रहे हमले का एक दृश्य।
Image Source : AP ईरान पर हो रहे हमले का एक दृश्य।

Israel Iran Conflict: ईरान में फंसे भारतीय छात्रों ने पीएम मोदी की सरकार से बड़ी अपील की है। छात्रों ने कहा है कि "हमें जल्द यहां से निकाला जाए, क्योंकि यहां लगातार हो रहे धमाकों से हमारी जान को खतरा बना है। ईरान में लगातार बढ़ते इजरायली हमलों के बीच सैकड़ों भारतीय छात्र डर और दहशत में दिन बिता रहे हैं। खासतौर पर तेहरान में स्थित शाहिद बेहेश्ती विश्वविद्यालय और अन्य मेडिकल संस्थानों में पढ़ने वाले छात्र भारत सरकार से अपील कर रहे हैं कि उन्हें जल्द से जल्द सुरक्षित निकाला जाए।

छात्र ने कहा-"रात 2:30 बजे ज़ोरदार धमाकों से नींद खुली

जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिला निवासी एक छात्र 22 वर्षीय इमतिसाल मोहिदीन ने कहा कि "रात 2:30 बजे ज़ोरदार धमाकों से नींद खुली। हम बेसमेंट में भागे और तब से सो नहीं पाए हैं," ये कहना है 22 वर्षीय इमतिसाल मोहिदीन का, जो  से हैं और शाहिद बेहेश्ती विश्वविद्यालय में एमबीबीएस के तीसरे वर्ष के छात्र हैं। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में करीब 350 भारतीय छात्र हैं, जो पिछले कुछ दिनों से हमलों की वजह से हॉस्टल और अपार्टमेंट्स के बेसमेंट में छिपे हुए हैं। इमतिसाल ने बताया, "हम हर रात धमाकों की आवाजें सुनते हैं। एक धमाका तो सिर्फ 5 किलोमीटर दूर हुआ था। तीन दिन से ठीक से नींद नहीं आई है।" विश्वविद्यालय ने कक्षाएं स्थगित कर दी हैं और छात्र बाहर निकलने से बच रहे हैं।

छात्रों में भय का माहौल

इसी तरह केर्मान मेडिकल यूनिवर्सिटी के छात्र फैज़ान नबी ने ANI से कहा कि "हमारे शहर में स्थिति थोड़ी बेहतर है, लेकिन डर तेजी से फैल रहा है। आज हमने गोलियों की आवाजें भी सुनीं। हमें 3-4 दिन का पानी जमा करने को कहा गया है।" श्रीनगर के निवासी फैज़ान कहते हैं, "मेरे माता-पिता दिन में दस बार फोन करते हैं। इंटरनेट इतना धीमा है कि मैसेज भेजना भी मुश्किल हो गया है। हम डॉक्टर बनाने आए थे, अब तो बस जिंदा बचने की जद्दोजहद है।" वहीं ईरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज की चौथे वर्ष की छात्रा मिधात (जम्मू-कश्मीर के सोपोर की रहने वाली हैं,) ने कहा कि "पहली रात सबसे डरावनी थी। धमाके पास में हुए थे। हम सब डरे हुए हैं और अंदर ही बंद हैं। विश्वविद्यालय की तरफ से कोई विशेष मदद नहीं मिली है।"

 

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