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चीन ने "Me too" आंदोलन को बढ़ावा देने वाली महिला पत्रकार को दी 5 साल जेल की सजा, जानें पूरा मामला

चीन में मीटू आंदोलन को गति देने वाली पत्रकार को 5 साल जेल की सजा सुनाई गई है। चीनी महिला पत्रकार ह्वांग शुएकिन ने 2018 में चीन के पहले मीटू आंदोलन की शुरुआत की थी।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Jun 14, 2024 21:21 IST, Updated : Jun 14, 2024 21:23 IST
चीनी कोर्ट ने मीटू आंदोलन को बढ़ाने वाली पत्रकार को सुनाई सजा। - India TV Hindi
Image Source : REUTERS चीनी कोर्ट ने मीटू आंदोलन को बढ़ाने वाली पत्रकार को सुनाई सजा।

बीजिंगः चीन में मीटू आंदोलन के तहत महिलाओं के अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाली चीनी पत्रकार ह्वांग शुएकिन को शुक्रवार को राष्ट्रद्रोह के आरोप में पांच साल कैद की सजा सुनाई गई है। चीनी पत्रकार के समर्थकों ने यह जानकारी दी। 'द एसोसिएटेड प्रेस' को मिली अदालत के फैसले की प्रति के अनुसार चीनी पत्रकार पर एक लाख युआन (1,155,959 रुपये) का जुर्माना भी लगाया गया है। शुएकिन और एक अन्य कार्यकर्ता को करीब तीन साल पहले हिरासत में लिया गया था।

चीन में 'मीटू आंदोलन' कुछ समय तक फला-फूला, लेकिन सरकार द्वारा उसे दबा दिया गया। चीन अक्सर कार्यकर्ताओं को लम्बे समय तक बिना किसी संपर्क के रखकर या फिर उन्हें जेल की सजा देकर चुप करा देता है। शुएकिन की रिहाई की तारीख 18 सितम्बर 2026 सूचीबद्ध की गई है, जिसमें उनकी पहले की हिरासत का समय भी शामिल किया गया है। वहीं, सह-प्रतिवादी वांग जियानबिंग को उसी आरोप में तीन साल और छह महीने की सजा सुनाई गई है। शुएकिन एक स्वतंत्र पत्रकार और महिला अधिकार कार्यकर्ता हैं। उनके समर्थकों ने कहा है कि वह इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगी।

2018 में शुरू हुआ था चीन का पहला मीटू आंदोलन

इस मुकदमे में मानवाधिकार कार्यकर्ता वांग जियांबिंग भी एक आरोपी थे। उन्हें तीन साल छह महीने की जेल की सजा सुनाई गई। शुएकिन ने एक स्वतंत्र पत्रकार के रूप में काम करते हुए 2018 में चीन के पहले 'मीटू आंदोलन' की शुरुआत की, जब उन्होंने चीन के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक में अपने पीएचडी पर्यवेक्षक के खिलाफ स्नातक की एक छात्रा द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों को सार्वजनिक किया। एमनेस्टी इंटरनेशनल की चीन इकाई की निदेशक सारा ब्रुक्स ने एक बयान जारी कर शुएकिन की सजा की निंदा करते हुए इसे चीनी गणराज्य में महिलाओं के अधिकारों पर हमला करार दिया। (एपी) 

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