Thursday, March 28, 2024
Advertisement

जापान में मोदी ने दिया इंटरव्यू, रूस-यूक्रेन युद्ध से लेकर दक्षिण-चीन सागर और ताइवान मसले पर की खुलकर बैटिंग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के जी-7 में शामिल होने से पहले योमिउरी शिंबुन को विशेष साक्षात्कार दिया है। इस दौरान उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध से लेकर, दक्षिण-चीन सागर में चीन की बढ़ती दादागीरी, चीन-ताइवान तनाव, वैश्विक खाद्य और ऊर्जा संकट जैसे मुद्दों पर खुलकर बातचीत की है।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: May 20, 2023 10:55 IST
जापान में पीएम मोदी- India TV Hindi
Image Source : PTI जापान में पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के जी-7 में शामिल होने से पहले योमिउरी शिंबुन को विशेष साक्षात्कार दिया है। इस दौरान उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध से लेकर, दक्षिण-चीन सागर में चीन की बढ़ती दादागीरी, चीन-ताइवान तनाव, वैश्विक खाद्य और ऊर्जा संकट जैसे मुद्दों पर खुलकर बातचीत की है। प्रधानमंत्री ने जी-20 और जी-7 के समन्वित सहयोग से वैश्विक चुनौतियों को संबोधित करने और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का नेतृत्व करने के लिए दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया। बता दें कि भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को G7 शिखर सम्मेलन में विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है। पीएम मोदी ने वैश्विक मुद्दों को संबोधित करने में G7 और G20 के बीच सहयोग के महत्व को रेखांकित किया।

उल्लेखनीय है कि जी-20 की अध्यक्षता करने वाले पीएम मोदी ने विकासशील और उभरते देशों सहित "ग्लोबल साउथ" की चुनौतियों को हल करने में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का नेतृत्व करने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया। मोदी ने खाद्य और ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधान पैदा करने वाले भू-राजनीतिक तनावों पर ध्यान दिलाया। साथ ही विकासशील देशों की मुख्य चिंताओं को लगातार दूर करने के लिए जापान और समान विचारधारा वाले देशों के साथ सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया।

इन वैश्विक मुद्दों पर खुलकर बोले

पीएम मोदी ने रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के संबंध में संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतर्राष्ट्रीय कानून के महत्व को रेखांकित करते हुए, राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान के आधार पर एक अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए अपने मजबूत समर्थन की पुष्टि की। हालाँकि भारत परमाणु अप्रसार संधि का पक्षकार नहीं है और माना जाता है कि उसके पास स्वतंत्र रूप से परमाणु हथियार हैं, लेकिन मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा कि सामूहिक विनाश के हथियारों का उपयोग बिल्कुल अस्वीकार्य है। उन्होंने परमाणु हथियारों के बिना दुनिया की दिशा में सभी देशों के साथ काम करने की इच्छा व्यक्त की। अब पढ़िये पीएम मोदी के किए गए प्रमुख सवाल और उनके जवाब.....

सवाल 1: अंतर्राष्‍ट्रीय मामलों के इस मोड़ पर जी-20 के अध्‍यक्ष के रूप में जी-7 शिखर सम्‍मेलन में आपकी भागीदारी का क्‍या महत्‍व है?

जवाबः G7 और G20 शिखर सम्मेलन वैश्विक सहयोग के लिए महत्वपूर्ण मंच हैं। मैं हिरोशिमा के G7 शिखर सम्मेलन में G20 अध्यक्ष के रूप में वैश्विक दक्षिण के दृष्टिकोण और प्राथमिकताओं का प्रतिनिधित्व करूंगा। जलवायु परिवर्तन, आपूर्ति श्रृंखला व्यवधान, आर्थिक सुधार, ऊर्जा अस्थिरता, स्वास्थ्य सेवा, खाद्य सुरक्षा, शांति और सुरक्षा जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए G7 और G20 के बीच सहयोग को मजबूत करना महत्वपूर्ण है। भारत और जापान के बीच विशेष सामरिक और वैश्विक साझेदारी हमारे इन संयुक्त प्रयासों के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करती है। साथ ही इन मुद्दों पर वैश्विक सहयोग में योगदान देती है।

सवाल 2: आप यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को कैसे देखते हैं और भारत संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों पर मतदान से दूर रहने और रूस से तेल के आयात में वृद्धि के बारे में नकारात्मक प्रतिक्रियाओं का जवाब कैसे देता है?

जवाबः भारत विवादों को सुलझाने और आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों से प्रभावित लोगों की भलाई को प्राथमिकता देने के लिए बातचीत और कूटनीति की वकालत करता है। भारत आक्रमण की निंदा करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्तावों से दूर रहा, लेकिन संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतर्राष्ट्रीय कानून, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध रहा। भारत यूक्रेन संकट के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करता है और संयुक्त राष्ट्र और उसके बाहर रचनात्मक योगदान देने के लिए तैयार है।

सवाल 3: ग्लोबल साउथ के एक प्रमुख नेता के रूप में आप प्रमुख शक्तियों के बीच तीव्र प्रतिद्वंद्विता को कैसे देखते हैं और वैश्विक शांति व स्थिरता प्राप्त करने के लिए भारत उनके साथ कैसे काम करेगा?

जवाबः दुनिया को COVID-19 महामारी, आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधान, आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जो विकासशील देशों को असमान रूप से प्रभावित कर रही हैं। भारत इन चिंताओं को दूर करने को प्राथमिकता देता है और जापान समेत अन्य भागीदारों के सहयोग से मानव-केंद्रित विकास पर जोर देता है। भारत का उद्देश्य विभिन्न आवाजों के बीच एक पुल के रूप में काम करना है और मानवता की भलाई के लिए साझा उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए केंद्रित रचनात्मक एजेंडे को बढ़ावा देना है।

सवाल4: भारत दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में चीन के सैन्य विस्तार और अंतरराष्ट्रीय कानून एवं क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने के लिए ताइवान जलडमरूमध्य में बढ़ते तनाव से कैसे निपटेगा?

जवाबः भारत हमेशा संप्रभुता, विवादों के शांतिपूर्ण समाधान और अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन का सम्मान करता है। भारत अंतर्राष्ट्रीय कानून के आधार पर समुद्री विवादों के शांतिपूर्ण समाधान को बढ़ावा देते हुए अपनी संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। भारत ने अपने दृष्टिकोण का प्रदर्शन करते हुए बांग्लादेश के साथ भूमि और समुद्री सीमाओं को सफलतापूर्वक सुलझा लिया है।

यह भी पढ़ें...

ग्लोबल लीडर अप्रूवल रेटिंग में पीएम मोदी फिर अव्वल, दुनिया के टॉप नेताओं को छोड़ा बहुत पीछे; जानें बाइडन और ऋषि सुनक की रैंकिंग

जापान में पीएम मोदी ने किया गांधी की प्रतिमा का अनावरण, फुमियो किशिदा से मुलाकात के बाद कही ये बड़ी बातें

 

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement