Saturday, April 27, 2024
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ताइवान की राष्ट्रपति ने कहा, हम चीन की धमकियों के आगे झुकने वाले नहीं हैं

ताइवान की राष्ट्रपति साइ इंग वेन ने चीन द्वारा बढ़ाए जा रहे दबाव के बीच कहा है कि उनका देश इससे दबने वाला नहीं है।

Vineet Kumar Singh Edited By: Vineet Kumar Singh @JournoVineet
Published on: October 25, 2022 16:41 IST
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Image Source : PTI ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन।

ताइपे: ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन ने चीन द्वारा लगातार बनाए जा रहे दबाव के बीच कहा है कि उनका देश ड्रैगन की दादागिरी के आगे झुकने वाला नहीं है। वेन ने मंगलवार को कहा कि हाल के सालों में चीन की तरफ से ताइवान को काफी आक्रामकता का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि यूक्रेन के खिलाफ रूस के हमले के बाद चीन लगातार ताइवान पर दबाव बढ़ाता जा रहा है। वहीं, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के 5 साल पर होने वाले महासम्मेलन में भी ताइवान को चीन में शामिल करने की बात दोहराई गई।

यूक्रेन पर रूस के हमले की दी नजीर

ध्यान देने वाली बात यह है कि चीन ने यह भी कहा है कि अगर ताइवान को खुद में मिलाने के लिए ताकत का भी इस्तेमाल करना पड़े तो वह हिचकेगा नहीं। इन्हीं सबको ध्यान में रखते हुए ताइपे में जुटे दुनियाभर से आए लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए साई ने कहा कि शीत युद्ध के बाद से दुनिया के लोकतांत्रिक और उदार समाज सबसे बड़ी चुनौती का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रूस का बिना उकसावे यूक्रेन पर हमला इसका सबसे प्रमुख उदाहरण है। 

ताइवान ने बढ़ा दिया है अपना रक्षा बजट
साई ने सैन्य उकसावे की कार्रवाई, साइबर हमले और आर्थिक दबाव का उदाहरण देते हुए कहा, ‘ताइवान की जनता को इस तरह की आक्रामकता की आदत पड़ चुकी है। पिछले कुछ सालों में ताइवान को चीन की तरह से बढ़ते खतरे का सामना करना पड़ रहा है।’ बता दें कि चीन से बढ़ रहे खतरे को देखते हुए ताइवान ने अपने रक्षा बजट में बढ़ोत्तरी की है। इसके अलावा अब ताइवान के सभी पुरुषों के लिए एक निश्चित अवधि तक राष्ट्रीय सेवा को अनिवार्य कर दिया गया है।

बेहद तल्ख हो चुके हैं चीन और ताइवान के रिश्ते
साई ने कहा, ‘चीन की तरफ से पैदा किए जा रहे लगातार खतरों के साए में रहने के बावजूद ताइवान के लोगों ने कभी चुनौतियों से नजर नहीं चुराई है। वे उन अधिनायकवादी ताकतों के खिलाफ लड़े हैं जो उनकी लोकतांत्रिक जीवनशैली को कम करके आंकते हैं।’ बता दें कि चीन और ताइवान के बीच पिछले कुछ समय से रिश्ते बेहद तल्ख हो चुके हैं। अमेरिका की प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद दोनों देश युद्ध की कगार पर पहुंचते दिख रहे थे।

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