Tuesday, April 16, 2024
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जलवायु सम्मेलन में ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने सौर ऊर्जा को लेकर भारत के प्रयासों को सराहा

ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने सौर ऊर्जा क्षेत्र में भारत द्वारा किये जा रहे “अतुलनीय कार्यो” की प्रशंसा की और चेताया कि जलवायु परिवर्तन के कारण दुनिया के सामने कोरोना वायरस महामारी से भी बड़ी आपदा है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 13, 2020 21:11 IST
जलवायु सम्मेलन में ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने सौर ऊर्जा को लेकर भारत के प्रयासों को सराहा- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO जलवायु सम्मेलन में ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने सौर ऊर्जा को लेकर भारत के प्रयासों को सराहा

लंदन: ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने सौर ऊर्जा क्षेत्र में भारत द्वारा किये जा रहे “अतुलनीय कार्यो” की प्रशंसा की और चेताया कि जलवायु परिवर्तन के कारण दुनिया के सामने कोरोना वायरस महामारी से भी बड़ी आपदा है। इस सप्ताहांत जलवायु महत्वाकांक्षा शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान जॉनसन ने यह बाते कहीं। पेरिस जलवायु समझौते की पांचवीं वर्षगांठ के मौके पर ब्रिटेन इसका सह-मेजबान था। डिजिटल सम्मेलन में ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने के ब्रिटेन के संकल्प को दोहराया। इस सम्मेलन को पूर्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी संबोधित किया था। 

जॉनसन ने कहा, “हम व्यापक सौर कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहे हैं, यद्यपि हम भारत, ऑस्ट्रेलिया और मोरक्को द्वारा की जा रही अविश्वसनीय चीजों का अनुकरण करने की उम्मीद नहीं कर सकते।” ब्रिटेन नवंबर 2021 में संयुक्त राष्ट्र के सीओपी26 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। सम्मेलन में दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं से धरती पर “हमला” रोकने और हरित गैसों में कटौती करने का अनुरोध किया गया जिससे जलवायु संकट से उबरा जा सके। 

ब्रिटेन के व्यापार मंत्री और सीओपी26 के अध्यक्ष आलोक शर्मा ने कहा, “क्या इस शिखर सम्मेलन में हमनें वाकई में कोई प्रगति की? और इसका जवाब है -हां।” उन्होंने कहा, “लेकिन वे यह भी पूछेंगे कि क्या हमने बढ़ते तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस की सीमा में लाने और लोगों व प्रकृति को जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से बचाने के लिये पर्याप्त उपाय किये? पेरिस समझौते को हकीकत बनाने के लिये। दोस्तों, हमें अपने प्रति ईमानदार होना पड़ेगा और इसका जवाब है कि फिलहाल- नहीं। यह अभी पर्याप्त नहीं है।”

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