Sunday, April 28, 2024
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फ्रांस में विदेशी इमामों के प्रवेश पर बैन, कट्टरपंथ के खिलाफ फ्रांस की मैक्रों सरकार की बड़ी घोषणा

फ्रांस की इमानुएल मैक्रों सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के तहत फ्रांस में विदेशी इमामों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अब वे ही विदेशी इमाम फ्रांस में रह सकेंगे, जो सरकार के कानून के दायरे में आएंगे। जानिए पूरी डिटेल।

Deepak Vyas Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published on: January 16, 2024 12:17 IST
फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों- India TV Hindi
Image Source : FILE फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों

France News: फ्रांस ने 2024 में विदेशी फंडिंग पाने वाले इमामों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। यही नहीं, फ्रांस में जो विदेशी इमाम रह रहे हैं, उनमें से सिर्फ उन्हीं विदेशी इमामों को अब निवास करने दिया जाएगा, जो फ्रांसीसी मुस्लिम संघ से सैलरी प्राप्त करते हैं। 

फ्रांस ने के आंतरिक मंत्री ने विदेश से फंडिंग पाने वाले विदेशी इमामों की फ्रांस में पाबंदी लगाने के संबंध में कहा कि इस साल जनवरी से यह आदेश लागू हो गया है। इसके साथ ही विदेश से भुगतान पाने वाले विदेशी इमामों को अब फ्रांस की सीमा में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। फ्रांस अब लोकल स्तर पर ही इमामों को ट्रेनिंग देगा। 

जानिए फ्रांस ने क्यों लिया यह निर्णय?

पिछले कुछ वर्षों में फ्रांस में कट्टरवाद बढ़ा है। मीडिया रिपोर्ट बताती हैं कि फ्रांस में कट्टरपंथ को बढ़ावा देने में विदेशी इमामों की भूमिकाएं सामने आई हैं। इसके बाद से ही फ्रांस की मैक्रों सरकार सक्रिय हो गई और फ्रांस की सरकार ने धार्मिक सहिष्णुता बनाए रखने के उद्देश्य से यह कदम उठाने का निर्णय लिया है। यही कारण रहा कि विदेशी इमामों के प्रवेश पर बैन लगाने की घोषणा फ्रांसीसी सरकार ने की है। दरअसल, पिछले साल ही फ्रांस एक बड़े दंगे की चपेट में आया था। इसके लिए शरणार्थियों को जिम्मेदार माना गया था।

पहली अप्रैल से विदेशी इमाम होंगे डिपोर्ट

फ्रांसीसी प्रसारक बीएफएमटीवी ने बताया है कि 1 अप्रैल 2024 के बाद देश में पहले से मौजूद विदेशी इमाम अपनी आव्रजन स्थिति की मौजूदा शर्तों के तहत नहीं रह पाएंगे। नई नीति मोटे तौर पर विदेशों से लगभग 300 या उससे अधिक इमामों पर लागू होगी, जो मुख्य रूप से अल्जीरिया, तुर्की और मोरक्को से आए हैं। नई नीति की घोषणा तुर्की और अल्जीरिया को भेजी गई थी। वहीं, फ्रांस में रहने वाले विदेशी इमामों को निर्वासित भी किया जा सकता है। लेकिन, अगर विदेशी इमाम बाहरी देशों से फंडिंग लेने की जगह फ्रांसीसी मुस्लिम संघ से भुगतान लेना शुरू कर दें तो उन्हें फ्रांस में रहने की इजाजत दी जा सकती है।

300 इमामों पर लागू नहीं होगा यह कानून

हालांकि, यह कानून उन 300 इमामों पर लागू नहीं होगा, जो हर साल रमजान के मौके पर फ्रांस की यात्रा करते हैं। इस कानून का वादा 2020 में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने किया था। उन्होंने तब फ्रांस में कट्टरपंथ पर लगाम लगाने के लिए कई उपायों की घोषणा की थी। उनमें अन्य प्रस्तावों के साथ-साथ मस्जिदों की विदेशी फंडिंग को खत्म करना भी शामिल था। 

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