Friday, April 19, 2024
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India Russia: पीएम मोदी ने पुतिन से आखिर ऐसा क्या कहा, जिसकी तारीफ करते नहीं थक रहा वेस्टर्न मीडिया? रूस के लिए झटके जैसा

Russia Ukraine War: अमेरिकी मीडिया ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यह बताने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुक्रवार को सराहना की कि यह यूक्रेन में युद्ध करने का समय नहीं है।

Shilpa Edited By: Shilpa
Updated on: September 18, 2022 13:43 IST
pm narendra modi-vladimir putin- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV pm narendra modi-vladimir putin

Highlights

  • शंघाई सहयोग संगठन में पुतिन से मिले पीएम मोदी
  • दोनों नेताओं के बीच यूक्रेन युद्ध को लेकर हुई बात
  • पीएम मोदी ने कहा, यह यूक्रेन में युद्ध का समय नहीं

Russia Ukraine War: उज्बेकिस्तान के समरकंद में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत की। इस दौरान पीएम मोदी ने उनसे ऐसा कुछ कहा, जिसकी दुनियाभर में खूब तारीफ की जा रही है। यहां तक कि पश्चिमी मीडिया तो पीएम मोदी के उस बयान का कायल हो गया है और प्रमुख रूप से उसी खबर को दिखा रहा है। अमेरिका मीडिया ने पुतिन को यह बताने के लिए उन्हें सराहा है कि ‘यह यूक्रेन में युद्ध का समय नहीं है।’ 

अमेरिकी मीडिया ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यह बताने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुक्रवार को सराहना की कि यह यूक्रेन में युद्ध करने का समय नहीं है। पीएम मोदी और पुतिन के बीच उज्बेकिस्तान के समरकंद में हुई वार्ता को मुख्यधारा की अमेरिकी मीडिया ने व्यापक कवरेज दी। ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ ने शीर्षक दिया, ‘मोदी ने यूक्रेन में युद्ध के लिए पुतिन को फटकार लगाई।’ दैनिक समाचार पत्र ने लिखा, ‘मोदी ने पुतिन को आश्चर्यजनक रूप से सार्वजनिक फटकार लगाते हुए कहा: ‘आधुनिक दौर युद्ध का युग नहीं है और मैंने आपसे इस बारे में फोन पर बात की है।’

पुतिन ने जवाब में क्या कहा?

इसमें कहा गया, ‘इस दुर्लभ निंदा के कारण 69 वर्षीय रूसी नेता सभी पक्षों की ओर से अत्यधिक दबाव में आ गए।’ पुतिन ने मोदी से कहा, ‘मैं यूक्रेन में संघर्ष पर आपका रुख जानता हूं, मैं आपकी चिंताओं से अवगत हूं, जिनके बारे में आप बार-बार बताते रहते हैं। हम इसे जल्द से जल्द रोकने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। दुर्भाग्यपूर्ण रूप से, विरोधी पक्ष यूक्रेन के नेतृत्व ने वार्ता प्रक्रिया छोड़ने का ऐलान किया और कहा कि वह सैन्य माध्यमों से यानी ‘युद्धक्षेत्र में’ अपना लक्ष्य हासिल करना चाहता है। फिर भी, वहां जो भी हो रहा है, हम आपको उस बारे में सूचित करते रहेंगे।’

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मुख्य खबर के तौर पर दिखा बयान

यह ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ और ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ के वेबपेज की मुख्य खबर थीा। ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने शीर्षक दिया, ‘भारत के नेता ने पुतिन को बताया कि यह युद्ध का दौर नहीं है।’ उसने लिखा, ‘बैठक का लहजा मित्रवत था और दोनों नेताओं ने अपने पुराने साझा इतिहास का जिक्र किया। प्रधानमंत्री मोदी के टिप्पणी करने से पहले पुतिन ने कहा कि वह यूक्रेन में युद्ध को लेकर भारत की चिंताओं को समझते हैं।’ समाचार पत्र ने कहा, ‘मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की यूक्रेन के हमले के बाद पुतिन के साथ पहली आमने-सामने की बैठक के एक दिन बाद टिप्पणियां कीं। चिनफिंग ने रूसी राष्ट्रपति की तुलना में अधिक शांत लहजा अपनाया और अपने सार्वजनिक बयानों में यूक्रेन के जिक्र से बचने की कोशिश की।’

किन मुद्दों पर हुई बात?

एससीओ शिखर सम्मेलन में रूस यूक्रेन युद्ध के अलावा आतंकवाद समेत तमाम मुद्दों पर बात हुई है। शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के नेताओं ने आतंकवादी संगठनों के कारण पैदा होने वाले सुरक्षा खतरों से निपटने की कोशिश के तहत अपने-अपने क्षेत्रों में प्रतिबंधित आतंकवादियों, अलगाववादियों और चरमपंथी संगठनों की एकीकृत सूची तैयार करने की योजना तैयार करने की प्रतिबद्धता जताई। उज्बेकिस्तान के ऐतिहासिक शहर समरकंद में आठ देशों वाले संगठन के वार्षिक शिखर सम्मेलन के समापन अवसर पर शुक्रवार को जारी संयुक्त घोषणापत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत एससीओ के सदस्यों देशों के नेताओं ने हर प्रकार के आतंकवाद, अलगाववाद और चरमपंथ के कारण पैदा होने वाले सुरक्षा संबंधी खतरे पर चिंता व्यक्त की और दुनियाभर में आतंकवादी कृत्यों की कड़ी निंदा की।

घोषणापत्र में क्या कहा गया है?

घोषणापत्र के अनुसार, ‘आतंकवाद, अलगाववाद और चरमपंथ से लड़ने की मजबूत प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए सदस्य देश, आतंकवाद के प्रसार के लिए अनुकूल परिस्थितियों को समाप्त करने के वास्ते सक्रिय कदम उठाते रहने, आतंकवादी गतिविधियों के वित्तपोषण के माध्यमों को काटने, आतंकवादियों की भर्ती की प्रक्रिया और सीमा पार गतिविधियों को रोकने, चरमपंथ का मुकाबला करने, युवाओं को कट्टरपंथी बनने से रोकने, आतंकवादी विचारधारा का प्रसार रोकने और स्लीपर सेल (ऐसे आतंकवादी, जो आम लोगों के बीच रहते हैं और अपने आकाओं से आदेश मिलने के बाद हरकत में आते हैं) एवं आतंकवादियों के पनाहगाह के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले स्थानों को खत्म करने का संकल्प लेते हैं।’

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