Wednesday, April 24, 2024
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UN में पाकिस्तान को बड़ा झटका, पाक सेना का करीबी तालिबानी सरगना 'नूर वली' ग्लोबल टेररिस्ट घोषित

आतंक की नर्सरी कहे जाने वाले पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र संघ से एक बड़ा झटका लगा है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: July 17, 2020 10:02 IST
Tehrik-e-Taliban Pakistan (TTP) leader Noor Wali Mehsud- India TV Hindi
Image Source : FILE Tehrik-e-Taliban Pakistan (TTP) leader Noor Wali Mehsud

आतंक की नर्सरी कहे जाने वाले पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र संघ से एक बड़ा झटका लगा है। संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान स्थित आतंकी नूर वली महसूद को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कर दिया है। महसूद तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) का सरगना है। वहीं नूर वली मेहसूद को फजलउल्लाह के मारे जाने के बाद तालिबान का सरगना घोषित किया गया था। जून 2018 में तालिबान का सरगना फजलउल्लाह अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया था। बताया जाता है कि नूर पाकिस्तानी फौज का करीबी है। वह पाकिस्तान के कबायली इलाके में रहता है और वहीं से अफगानिस्तान सहित कई देशों में आतंकी हमले को अंजाम देता है। माना जाता है कि मेहसूद के रिश्ते अल-कायदा और आईएसआईएस से भी हैं। 

अमेरिका पहले ही अफगानिस्तान में होने वाले आतंकी हमलों के लिए नूर वली को जिम्मेदार मानता रहा है। यूएन की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि ग्लोबल टेरेरिस्ट घोषित होने के बाद मेहसूद की सभी प्रॉपर्टीज सीज कर दी जाएंगी। फिर चाहे वे किसी भी देश में हों। इसके अलावा उस पर ट्रैवल बैन लगाए जाएंगे। हथियारों की खरीद फरोख्त पर भी रोक लगाई जाएगी। 

आतंकियों के लिए पैसों का इंतजाम करता है महसूद

यूएन की प्रतिबंध लगाने वाली कमेटी के मुताबिक, नूर आतंकी हमलों के लिए फाईनेंस, प्लानिंग और इससे जुड़े कामों को अंजाम देता रहा है। उसने अल-कायदा जैसे आतंकी संगठन को फिर मजबूत करने की साजिश भी रची। नूर के इशारों पर अफगानिस्तान में हमले होते हैं। तालिबान के दो धड़े हैं। एक अफगानिस्तान से ऑपरेट करता है। दूसरा पाकिस्तान से। अमेरिका और तालिबान के बीच जो समझौता हुआ उसमें पाकिस्तान वाला गुट शामिल नहीं है।  

पाकिस्तानी फौज से है करीबी 

माना जाता है कि मेहसूद पाकिस्तान की फौज के आला अधिकारियों के काफी करीब है। महसूद खैबर पख्तूख्वा के इलाके में रहता है। खैबर में ही टीटीपी के कई अड्डे हैं। ये सीमा पार करने के बाद अफगानिस्तान में हमले करते हैं। यूएन के मुताबिक, वो नॉर्थ वजीरिस्तान में पाकिस्तानी फौज पर भी हमले कर चुका है। लेकिन, अमेरिका कई बार कह चुका है कि टीटीपी के आतंकियों को पाकिस्तान से पनाह मिलती है। लिहाजा, पाकिस्तान की फौज से मदद मिलने के बाद उसी पर हमले करने की बाद विरोधाभासी लगती है। 

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