
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भारतीय जनता पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया। 70 में से 48 सीटें जीतकर बीजेपी 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में लौटी है। 32 साल पहले बीजेपी ने दिल्ली के पहले विधानसभा चुनाव में 49 सीटें जीती थीं। विधानसभा चुनाव भले ही दिल्ली में थे, लेकिन यहां पंजाब, बिहार और यूपी के लोगों के मुद्दे भी अहम थे। यही वजह है कि सत्ताधारी आम आदमी पार्टी और चुनाव जीतने वाली बीजेपी ने भी बिहार से जुड़े लोगों को टिकट दिया था। बिहार के कुल छह उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे। इनमें से चार को जीत मिली है, जबकि दो हार गए।
बीजेपी ने बिहार के दो और आम आदमी पार्टी ने चार उम्मीदवारों को मौका दिया था। दोनों पार्टियों के दो-दो उम्मीदवारों को जीत मिली। वहीं, आम आदमी पार्टी के दो उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में बिहार के उम्मीदवारों का हाल
- संजीव झा: बुराड़ी विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के टिकट पर 20,870 वोट से जीते
- विनय मिश्रा: द्वारका विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और 7,829 वोट से हारे।
- अनिल झा वत्स: किरारी विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के टिकट पर 21,871 वोट से जीते।
- अभय वर्मा: लक्ष्मी नगर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर 11,542 भाजपा वोट से जीते।
- सोमनाथ भारती: मालवीय नगर विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और 2,131 वोट से हारे।
- डॉ. पंकज कुमार सिंह: विकासपुरी विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर 13,364 वोट से जीते।
दिल्ली की सियासत में बिहार का दबदबा
दिल्ली में रहने वाले लोगों में बिहार के लोगों की संख्या अच्छी खासी है। इसी वजह से दिल्ली की राजनीति में बिहार के नेताओं का प्रभाव रहता है। इसी वजह से बीजेपी ने मनोज तिवारी के चेहरे पर भी चुनाव लड़ा था। हालांकि, करारी हार के बाद उनका चेहरा पीछे कर दिया गया। इसके अलावा छठ के मौके पर भी यमुना की गंदगी पर हर साल चर्चा होती है। छठ घाट बनाने को लेकर भी आम आदमी पार्टी और बीजेपी ने एक दूसरे पर आरोप लगाए थे।