बिहार की मनेर सीट पर आरजेडी के वीरेंद्र यादव ने 20034 वोट से जीत हासिल की है। उन्हें कुल 110798 वोट मिले। वहीं, चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के उम्मीदवार जितेंद्र यादव को 90764 वोट मिले। यहां पर मुख्य मुकाबला आरजेडी और चिराग पासवान की एलजेपी के बीच माना जा रहा था। इसके अलावा जन सुराज पार्टी को भी प्रमुख दावेदार माना जा रहा था।
मनेर विधानसभा सीट पर चार बार के विधायक भाई वीरेंद्र को एक बार फिर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने टिकट दिया था और वह जीत हासिल करने में सफल रहे। उनके खिलाफ एनडीए की ओर से लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के जितेंद्र यादव चुनावी मैदान में थे।
मनेर के सियासी समीकरण?
मनेर विधानसभा सीट कृषि-प्रधान है। इसके चलते यहां बाढ़, बेरोजगारी और सड़क सुविधाओं की कमी प्रमुख मुद्दे बने हुए हैं। 1951 से बनी इस सीट पर कांग्रेस ने 7 बार, RJD ने 5 बार लगातार जीत हासिल की है। इस सीट पर चुनावी दांव-पेंच जातिगत समीकरण तय करते हैं, जहां यादवों की मजबूत पकड़ RJD को फायदा पहुंचाती है। मनेर में यादव समुदाय का अनुमानित 26 प्रतिशत हिस्सा RJD का कोर सपोर्ट बेस है, जो 1951 से ही सीट पर दबदबा जमाए हुए है। SC मतदाता (13.48%) किंगमेकर की भूमिका निभाते हैं, जो महागठबंधन या NDA की ओर झुकाव रखते हैं। अन्य OBC जैसे कुशवाहा और कोइरी 15-20 प्रतिशत के साथ संतुलन बनाते हैं, जबकि मुस्लिम वोट (5.1%) अल्पसंख्यक समीकरण को मजबूत करते हैं।
पिछले चुनावों में क्या रहा समीकरण?
पिछले तीन बार के विधानसभा चुनावों (2010, 2015, 2020) में RJD के भाई वीरेंद्र ने लगातार कमान संभाली है। यादव वोटबैंक के दम पर इन्होंने जीत दर्ज की है। 2020 के विधानसभा चुनाव में भाई वीरेंद्र यादव ने भाजपा के उम्मीदवार निखिल आनंद को हराया था। तीसरे नंबर पर इस सीट से निर्दलीय उम्मीदवार श्रीकांत निराला रहे थे। 2015 के विधानसभा चुनाव में भी भाई वीरेंद्र ने बीजेपी के उम्मीदवार श्रीकांत निराला को 22828 वोटों से हराया था। 2010 के विधानसभा चुनाव में भी भाई वीरेंद्र यादव ने जेडीयू के उम्मीदवार श्रीकांत निराला को हराया था। भाई वीरेंद्र को 57,818 वोट मिले थे।