Thursday, May 02, 2024
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रामचरितमानस पर महाभारत! शिक्षा मंत्री के बयान से CM नीतीश ने किया किनारा, चंद्रशेखर बोले- अपनी बात पर कायम हूं

बिहार के शिक्षा मंत्री रामचरितमानस पर दिए अपने बयान पर कायम है। उन्होंने अपने बयान पर अडिग रहते हुए कहा कि रामचरितमानस में कई अच्छी बातें भी हैं, लेकिन जो गलत है उस पर आवाज उठाता रहूंगा।

Malaika Imam Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Updated on: January 12, 2023 15:00 IST
बिहार के सीएम नीतीश कुमार- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO बिहार के सीएम नीतीश कुमार

धार्मिक ग्रंथ रामचरितमानस को लेकर बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर द्वारा दिए विवादित बयान पर बवाल मचा है। एक तरफ जहां बीजेपी ने इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज की है, तो वहीं संत समाज में भी भारी आक्रोश है। इस बीच, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके बयान से किनारा कर लिया है। उन्होंने कहा कि मुझे इसके बारे में जानकारी नहीं है, चंद्रशेखर से पूछकर बताएंगे। 

इधर, बिहार के शिक्षा मंत्री रामचरितमानस पर दिए अपने बयान पर कायम है। उन्होंने अपने बयान पर अडिग रहते हुए कहा कि रामचरितमानस में कई अच्छी बातें भी हैं, लेकिन जो गलत है उस पर आवाज उठाता रहूंगा। उन्होंने कहा कि अपमानित करने वाले दोहे हटाए जाएं। वहीं, बीजेपी का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चंद्रशेखर को तुरंत बर्खास्त करें।  

'यह सभी सनातनियों का अपमान है'

इससे पहले बिहार के शिक्षा मंत्री के विवादित बयान पर आपत्ति दर्ज करते हुए अयोध्या के संत जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने मंत्री को पद से बर्खास्त करने की मांग की। उन्होंने कहा कि बिहार के शिक्षा मंत्री ने जिस तरह से रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया है, उससे पूरा देश आहत है, यह सभी सनातनियों का अपमान है और मैं इस बयान पर कानूनी कार्रवाई की मांग करता हूं कि उन्हें एक सप्ताह के भीतर मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया जाए।

जगद्गुरु परमहंस ने कहा कि उन्हें माफी मांगनी चाहिए, अगर ऐसा नहीं होता है, तो मैं बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की जीभ काटने वाले को 10 करोड़ रुपये का इनाम देने की घोषणा करता हूं। उन्होंने कहा, "इस तरह की टिप्पणी को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। रामचरितमानस जोड़ने वाला ग्रंथ है, तोड़ने वाला नहीं। रामचरितमानस मानवता को बढ़ावा देने वाला ग्रंथ है। यह भारतीय संस्कृति का स्वरूप है, यह हमारे देश का गौरव है। रामचरितमानस पर इस तरह की टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।"

बिहार के शिक्षा मंत्री ने क्या कहा था?

बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने बुधवार को कहा कि रामायण पर आधारित एक महाकाव्य हिंदू धर्म पुस्तक रामचरितमानस समाज में नफरत फैलाती है। उनके इस दावे के बाद विवाद खड़ा हो गया। नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के 15वें दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने रामचरितमानस और मनुस्मृति को समाज को विभाजित करने वाली पुस्तकें बताया। 

उन्होंने कहा, "मनुस्मृति को क्यों जलाया गया, क्योंकि इसमें एक बड़े तबके के खिलाफ कई गालियां दी गई थीं। रामचरितमानस का विरोध क्यों किया गया और किस भाग का विरोध किया गया? निचली जाति के लोगों को शिक्षा प्राप्त करने की अनुमति नहीं थी और रामचरितमानस में कहा गया है कि निम्न जाति के लोग शिक्षा प्राप्त करने से वैसे ही जहरीले हो जाते हैं जैसे दूध पीने के बाद सांप हो जाते हैं।"

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