बेंगलुरु। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री सी.एन. अश्वथ नारायण ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को लागू करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों से अवगत कराने के लिए राज्यपाल वजुभाई वाला से मुलाकात की। शुक्रवार शाम जब दोनों की मुलाकात हुई तो नारायण ने वाला से कहा, कर्नाटक इस नीति को लागू करने वाला पहला राज्य बनना चाहता है। उपमुख्यमंत्री ने राज्यपाल को नई शिक्षा नीति लागू करने पर विचार करने के लिए गठित टास्कफोर्स के बारे में बताया।
नारायण ने उन प्रशासनिक और कानूनी संशोधनों की व्याख्या की, जो नीति के कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाने के लिए राज्य करना चाहता है। उन्होंने कहा, "टास्कफोर्स द्वारा अंतिम मसौदे को प्रस्तुत करने के साथ ही इसे लागू किया जाएगा, जिसके जल्द होने की उम्मीद लगाई जा रही है।"वाला ने नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की और उपमुख्यमंत्री को अपने सुझाव भी दिए।
इस दक्षिणी राज्य में नीति को जल्द से जल्द लागू करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार नीति के मसौदे को प्राप्त करने के तुरंत बाद गठित उच्चस्तरीय टास्कफोर्स की अंतिम सिफारिशों का इंतजार कर रही है। इससे पहले, नारायण ने कहा था कि साल 2030 तक नीति में निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के तहत राज्य अगले तीन वर्षो में 16 विश्वविद्यालयों और 34 स्वायत्त शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना करेगा। कर्नाटक सरकार ने नीति में उल्लेखित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए दस साल की समय सीमा तय की है, जिसे लक्ष्य-2030 का नाम दिया गया है।