
तुलकारेम (वेस्ट बैंक): इजरायल और हमास के बीच कई महीनों तक चली जंग में हजारों की संख्या में फिलिस्तीनी मारे गए हैं, और तमाम घायल हुए हैं। दुनिया के इस इलाके में लोगों के लिए 2 वक्त की रोटी जुटा पाना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में युद्ध के कारण विस्थापित हुए फिलिस्तीनियों के लिए रमजान के दौरान 'यासिर अराफात चैरिटी किचन' उम्मीद की किरण साबित हो रहा है। इस ‘चैरिटी किचन’ में तैयार किया गया खाना उन्हें इफ्तार के लिए उपलब्ध कराया जाता है। इस चैरिटी किचन के जरिए रोजाना 700 से ज्यादा शरणार्थियों को प्रतिदिन भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
‘चैरिटी किचन’ में मुफ्त में काम करते हैं रसोइये
तुलकारेम शहर में स्थापित यासिर अराफात चैरिटी किचन में स्वयंसेवक खाना तैयार करते हैं और इसे प्लास्टिक के डिब्बों में भरकर दर-दर भटक रहे फिलिस्तीनियों तक पहुंचाया जाता है। ‘यासिर अराफात चैरिटी किचन’ में मुफ्त में काम कर रहे रसोइयों को उम्मीद है कि उनकी मेहनत रमजान के महीने में बर्बादी झेल रहे फिलिस्तीनियों के चेहरे पर थोड़ी खुशी लाएगी। बता दें कि वेस्ट बैंक पर कई हफ्ते पहले शुरू हुए इजरायली सैन्य हमले में 40 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी बेघर हो गए हैं। इजरायल का कहना है कि यह अभियान कब्जे वाले क्षेत्र में उग्रवाद को खत्म करने के लिए था।
बेघर हुए हजारों लोगों को राहत दे रहा यह किचन
इजरायल पर हमास के हमले और आम नागरिकों की हत्या की हत्या के बाद अक्टूबर 2023 में गाजा में युद्ध शुरू हो गया था। जंग के दौरान पिछले कुछ महीनों में हिंसा में वृद्धि देखी गई है। इस बीच, बेघर हुए हजारों लोगों को रमजान के दौरान खाने-पीने के सामान के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। रोजा रखने वालों को इफ्तार के वक्त अच्छा खाना मिल सके, इसके लिए यासिर अराफात चैरिटी किचन काम कर रहा है। तुलकारेम क्षेत्र के गवर्नर अब्दुल्ला कामिल ने कहा, ‘हालात कठिन हैं।’ उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को यासिर अराफात चैरिटी किचन के कारण राहत महसूस हो रही है।’
‘हमें कुछ रहमदिल लोग खाना और पानी दे रहे हैं’
60 साल के मंसूर अवाफा के लिए 'चैरिटी किचन' से मिल रहा खाना अंधेरे में रोशनी की एक किरण जैसा है। वह फरवरी की शुरुआत में तुलकरम शरणार्थी शिविर से भाग गया था और उसे नहीं पता कि वह कब वापस आ पाएगा। उसने कहा, 'यह वह घर है जहां मैं पला-बढ़ा, जहां मैं रहा और जहां मैंने अपना जीवन बिताया। मुझे वहां जाने की इजाजत नहीं है। हम कहां जाएं? अल्लाह का शुक्र है कि हमें कुछ रहमदिल लोग खाना और पानी दे रहे हैं।' अवाफा, उसकी पत्नी और 4 बच्चे एक रिश्तेदार के घर पर अपार्टमेंट में रह रहे हैं, जहां वे फर्श पर पतले गद्दों पर सोते हैं।
गाजा के पुनर्निर्माण की योजना पर हो रही है चर्चा
गाजा से लोगों को हटाकर उसके विकास संबंधी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रस्ताव के उलट मिस्र गाजा पट्टी से फिलिस्तीनियों को बाहर निकाले बिना गाजा के पुनर्निर्माण की योजना बना रहा है। मिस्र के सरकारी अखबार ‘अल-अहरम’ ने कहा कि प्रस्ताव में गाजा के भीतर ‘सुरक्षित क्षेत्र’ स्थापित करने की बात कही गई है जहां फिलिस्तीनी शुरुआत में रह सकते हैं, जबकि मिस्र और अंतरराष्ट्रीय निर्माण कंपनियां गाजा पट्टी से मलबे और अन्य ढांचों को हटाएंगी और फिर वहां निर्माण करेंगी। मिस्र के अधिकारी यूरोपीय देशों के राजनयिकों के साथ-साथ सऊदी अरब, कतर और UAE के साथ भी इस योजना पर चर्चा कर रहे हैं।
लड़ाई में मारे गए हैं 48 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, गाजा में लड़ाई शुरू होने के बाद से 48,000 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए हैं। वहीं, कुछ दिन पहले शुरू हुए सीजफायर के पहले चरण के दौरान इजराइल ने बंधकों के बदले में लगभग 2000 फिलिस्तीनी कैदियों और बंदियों को रिहा किया है। सीजफायर लागू होने के बाद से कुल मिलाकर 33 इजराइलियों को मुक्त किया गया है जिनमें वे 8 इजराइली भी शामिल हैं जिनके शव सौंपे गए हैं। ये आठों बंधक रखे जाने के दौरान या 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल पर किये गए हमास के हमले के दौरान मारे गए थे। हमास के आतंकियों ने 7 अक्टूबर 2023 के हमले के दौरान 251 लोगों का अपहरण कर लिया था और लगभग 1200 लोगों की हत्या कर दी थी। (एपी)