Thursday, March 28, 2024
Advertisement

असम सरकार का नया कानून, माता-पिता की देखभाल ना करने वाले सरकारी कर्मचारियों को किया जाएगा दंडित

इस कानून का मकसद यह सुनिश्चत करना है कि राज्य सरकार के कर्मचारी अपने वृद्ध हो रहे माता पिता या शारीरिक रूप से अशक्त भाई - बहन की देखभाल करें नहीं तो उनके वेतन से पैसे काट लिए जाएंगे।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: July 27, 2018 22:36 IST
असम के मुख्यमंत्री...- India TV Hindi
Image Source : PTI असम के मुख्यमंत्री सर्बानन्द सोणोवाल।

गुवाहाटी: असम सरकार दो अक्तूबर से एक नया कानून लाने जा रही है जिसके उसके कर्मचारी उनपर निर्भर मां - बाप एवं शारीरिक रूप से अशक्त भाई - बहन की देखभाल करने पर मजबूर होंगे। कानून का पालन ना करने पर कर्मचारियों के वेतन से पैसे कट जाएंगी। वित्त मंत्री हेमंत विश्व सरमा ने यह जानकारी दी और साथ ही बताया कि इस तरह का कानून लाने वाला असम देश का पहला राज्य होगा। यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा , ‘‘ मंत्रिमंडल ने इस हफ्ते की शुरूआत में प्रणाम अधिनियम के नियमों को मंजूरी दे दी। हम अब एक प्रणाम आयोग का गठन करेंगे और उसमें अधिकारी नियुक्त करेंगे। अंत में हम दो अक्तूबर से प्रणाम अधिनियम लागू करना शुरू कर देंगे। ’’ 

पिछले साल राज्य विधानसभा ने असम कर्मचारी माता - पिता जिम्मेदारी एवं जवाबेदही तथा निगरानी नियम विधेयक , 2017 या ‘‘ प्रणाम विधेयक ’’ पारित किया था। इसका मकसद यह सुनिश्चत करना है कि राज्य सरकार के कर्मचारी अपने वृद्ध हो रहे माता पिता या शारीरिक रूप से अशक्त भाई - बहन की देखभाल करें नहीं तो उनके वेतन से पैसे काट लिए जाएंगे। सरमा ने कहा , ‘‘ नियमों के तहत , अगर कोई बच्चा (सरकारी कर्मचारी) उसपर निर्भर माता - पिता की देखभाल नहीं करता तो उसके कुल वेतन का 10 प्रतिशत हिस्सा काट लिया जाएगा और वह राशि माता - पिता के खाते में डाल दी जाएगी। दिव्यांग (शारीरिक रूप से अशक्त) भाई - बहन होने की स्थिति में वेतन से 15 प्रतिशत तक हिस्सा काट लिया जाएगा। ’’  

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement