नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार (8 अक्टूबर) को अपने पूर्व प्रमुख अश्विनी कुमार के लिए श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया, जो शिमला में अपने घर में मृत पाए गए थे। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। सीबीआई के निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला ने कहा, ‘‘दुख की इस घड़ी में शोक संतप्त परिवार के साथ हमारी पूरी संवेदना है। भगवान उनकी आत्मा को शांति दें।’’
एजेंसी ने बयान जारी कर कहा कि सीबीआई के पूर्व निदेशक कुमार के निधन की जानकारी मिलने से काफी दुख हुआ है। इसमें बताया गया, 'सीबीआई शोक संतप्त परिवार को भावभीनी श्रद्धांजलि देती है और सहानुभूति जताती है और भगवान से प्रार्थना करती है कि दुख की इस घड़ी में परिवार को संबल प्रदान करें।' 1973 बैच के आईपीएस अधिकारी कुमार को 2008 में सीबीआई का निदेशक नियुक्त किया गया था, जबकि इस पद के लिए उनके दो वरिष्ठ अधिकारियों के नामों पर भी चर्चा चल रही थी। उस वक्त एजेंसी नोएडा के आरूषि तलवार हत्या मामले को लेकर विवादों में थी। कुमार का शव बुधवार की शाम को छोटा शिमला के नजदीक ब्रॉकहर्स्ट स्थित उनके आवास पर फंदे से लटका पाया गया था।
डॉ. अश्विनी कुमार ने 02.08.2008 को सीबीआई के निदेशक का पदभार संभाला और 30.11.2010 को सेवानिवृत्त हुए। 1963 में इसके गठन के बाद वह CBI के 24वें निदेशक बने थे। हिमाचल प्रदेश के नाहन के रहने वाले कुमार 2008 में सीबीआई के निदेशक बने थे जब एजेंसी आरुषि तलवार हत्या मामले की जांच कर रही थी। कुमार ने विजय शंकर की जगह सीबीआई के निदेशक का पद संभाला था। उस दौरान आरुषी हत्याकांड लगभग रोज सुर्खियों में रहता था।
बता दें कि, सीबीआई के पूर्व निदेशक अश्विनी कुमार (69) ने बुधवार को आत्महत्या कर ली। 1973 बैच के आईपीएस अधिकारी कुमार (69) बुधवार शाम छोटा शिमला के पास ब्रोकहॉर्स्ट स्थित आवास पर फांसी के फंदे से लटके मिले। अश्विनी कुमार साल 2008 से 2010 तक सीबीआई निदेशक रहे थे। इसके अलावा वे मणिपुर और नागालैंड के राज्यपाल भी रहे थे। बता दें कि अश्विनी कुमार हिमाचल प्रदेश के डीजीपी भी रहे हैं। पूर्व आईपीएस अधिकारी ने यह खौफनाक कदम क्यों उठाया, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है। पुलिस को घटनास्थल से सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिनमें लिखा गया है कि जिंदगी से तंग आकर अगली यात्रा पर निकल रहा हूं। फिलहाल पुलिस मामले में जांच कर रही है।
15 नवंबर, 1950 को जन्मे डॉ. अश्वनी कुमार ने पीएचडी, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में पोस्ट ग्रेजुएट, मानव संसाधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा और रक्षा अध्ययन में स्नातकोत्तर डिग्री हासिल की थी।