नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल कोयला तस्करी केस में CBI ने अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा बनर्जी से पूछताछ की है। इसके साथ ही CBI ने पत्र लिखकर गृह मंत्रालय से रुजिरा की नागरिकता को लेकर जानकारी मांगी है। दरअसल, नागरिकता को लेकर दो आवेदन किए गए थे और दोनों में पिता का नाम अलग-अलग था।
गौरतलब है कि PIO (Person on Indian origin) कार्ड और शादी के प्रमाण पत्र पर गलतियों के चलते गृह मंत्रालय ने पिछले साल 29 मार्च को रुजिरा को नोटिस भेजा था। नोटिस के मुताबिक, रुजिरा नरूला (अब बनर्जी) एक थाई नागरिक हैं और उन्होंने बैंकॉक में भारतीय राजदूत द्वारा PIO कार्ड नंबर P234979 जारी करवाया था।
नोटिस के मुताबिक, आठ जनवरी 2010 को ये कार्ड जारी किया गया था और इस पर पिता के तौर पर मिस्टर निफॉन नरूला का नाम लिखा था। इसके बाद उन्होंने अपने PIO कार्ड को OCI कार्ड में बदलने के लिए अप्लाई किया और आठ नवंबर 2017 को रुजिरा को ओसीआई नंबर A2B79448 जारी किया गया।
PIO कार्ड को OCI कार्ड में बदलने की प्रक्रिया के दौरान रुजिरा ने एक महत्वपूर्ण दस्तावेज का इस्तेमाल किया था, जो उनकी शादी का सर्टिफिकेट था। यह सर्टिफिकेट 13 फरवरी 2013 को जारी हुआ था और इस पर रुजिरा के पिता का नाम गुरसरन सिंह आहुजा लिखा था।
OCI कार्ड लेने वाला व्यक्ति या तो पहले भारत का नागरिक रहा हो या उसके माता या पिता भारतीय नागरिक रहे हों। पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल, अफ़ग़ानिस्तान और ईरान, कुछ ऐसे देश हैं जहां के भारतीय मूल के लोगों को यह सुविधा नहीं मिल सकती है।
ओसीआई एक तरह से भारत में जीवन भर रहने, काम करने और सभी तरह के आर्थिक लेन-देन करने की सुविधा देता है। साथ ही ओसीआई धारक व्यक्ति जब चाहे बिना वीजा के भारत आ सकता है। ओसीआई कार्ड जीवन भर के लिए मान्य होता है।
हालांकि, ओसीआई कार्ड धारक भारत में चार चीजें नहीं कर सकता है- 1. चुनाव नहीं लड़ सकता, 2. वोट नहीं डाल सकता, 3. सरकारी नौकरी या संवैधानिक पद पर नहीं हो सकता और 4. खेती वाली जमीन नहीं खरीद सकता।
काफी समय तक पीआईओ और ओसीआई कार्ड दोनों ही चलन में रहे लेकिन 2015 में पीआईओ का प्रावधान ख़त्म करके सरकार ने ओसीआई कार्ड का चलन जारी रखने की घोषणा की। कोल स्कैम के अलावा इन सभी बातों पर सीबीआई अभिषेक बेनर्जी की पत्नी से पूछताछ करेगी।