Thursday, April 25, 2024
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चमोली तबाही में 'लापता' हुए कई श्रमिक मिले, दूर एक गांव में फंसे थे, सुनाई आपबीती

अचानक आई तबाही के बाद से लापता घोषित किए गए श्रमिकों का एक समूह रैणी गांव में एक अस्थायी हेलीपैड पर फंसा पाया गया है। तपोवन के कुछ हिस्सों में बाढ़ आने के बाद से यह क्षेत्र शहर से कट गया है।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: February 10, 2021 21:38 IST
चमोली तबाही में 'लापता' हुए कई श्रमिक मिले, सुनाई आपबीती- India TV Hindi
Image Source : ANI चमोली तबाही में 'लापता' हुए कई श्रमिक मिले, सुनाई आपबीती

चमोली: अचानक आई तबाही के बाद से लापता घोषित किए गए श्रमिकों का एक समूह रैणी गांव में एक अस्थायी हेलीपैड पर फंसा पाया गया है। तपोवन के कुछ हिस्सों में बाढ़ आने के बाद से यह क्षेत्र शहर से कट गया है। ऐसे में इन श्रमिकों के परिवारवाले बीते तीन दिनों से इनसे संपर्क नहीं कर पा रहे थे। ऐसे में इन्हें लापता मान लिया गया था।

जोशीमठ से कट गया था क्षेत्र

पुल टूटने, सड़क और मोबाइल कनेक्टिविटी नहीं होने के कारण जोशीमठ से कट चुके क्षेत्र में फंसे इन लोगों को "लापता" घोषित कर दिया गया था। गौरतलब है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में काम करने के लिए मेरठ और अमरोहा जैसे उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए अधिकांश श्रमिक आपदा के बाद अपने घरों में लौटने का इंतजार कर रहे थे। 

खुद ITBP और प्रशासन से किया संपर्क

इन लोगों रैणी गांव पहुंचने के बाद आईटीबीपी और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों से संपर्क किया और उन्हें बताया कि उनके परिवारों से बात करने के बाद उन्हें लापता घोषित कर दिया गया है। श्रमिकों ने कहा कि 'हमारे परिवारों ने स्थानीय पुलिस के पास गुमशुदगी दर्ज करवाई थी क्योंकि वह हमसे संपर्क नहीं कर सकते थे।'

स्थिति को पहले जैसी करने में जुटा प्रशासन

गौरतलब है कि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और स्थानीय प्रशासन पुल के दूसरे हिस्से के साथ इस हिस्से को जोड़ने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं, जो बाढ़ में बह गया। जोशीमठ की सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) कुमकुम जोशी को लोगों के लिए भोजन और परिवहन की व्यवस्था करने का प्रभार दिया गया है।

"शहर तक पहुंचने में तीन दिन लगे"

फंसे हुए एक कर्मचारी सनी दत्त ने कहा, "जब हमें बाढ़ के बारे में पता चला तब मैं अन्य लोगों के साथ एक दूरदराज के गांव में एक कंपनी के मोबाइल नेटवर्क को स्थापित करने के लिए काम कर रहा था। हमें शहर पहुंचने में लगभग तीन दिन लग गए। जिस क्षेत्र में मोबाइल सेवाएं हैं, वहां पहुंचने के बाद हमने हमारे परिवारवालों से संपर्क किया"

"परिवारवालों से की बात तो पता चला.."

दत्त के साथ काम करने वाले एक अन्य शख्स कामिंदर ने कहा कि उनके साथ 5 व्यक्तियों को लापता घोषित कर दिया गया था, क्योंकि कोई नेटवर्क नहीं था और वे तीन दिनों तक अपने परिवार से बात नहीं कर सके थे। कामिंदर ने कहा, "जब हमने अपने परिवारों से संपर्क किया, तो उन्होंने बताया कि स्थानीय पुलिस को सूचित किया गया था कि हम लापता हो गए हैं। 

घर लौटना चाहते हैं कामिंदर

कामिंदर ने कहा, "मेरे फोन के बाद मेरा पूरा परिवार खुश था। वह चाहते हैं कि मैं जल्द से जल्द वापस आऊं। मुझे उम्मीद है कि आज मैं अमरोहा के लिए निकल जाऊंगा।"

(इनपुट- ANI)

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