देहरादून: उत्तराखंड में बुधवार को एक बड़ी रेल दुर्घटना टल गई। दिल्ली से टनकपुर आ रही पूर्णागिरी जनशताब्दी एक्सप्रेस अचानक उल्टी दौड़ने लगी लेकिन कुछ किलोमीटर दूर जाकर वह रूक गई। उत्तराखंड में एक सप्ताह के भीतर यह दूसरी घटना है जब रेल दुर्घटना होते-होते बची है। चंपावत के पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह ने बताया कि संभवत: किसी जानवर के टकराने के दौरान प्रेशर ब्रेक इस्तेमाल किए जाने से इंजन में तकनीकी समस्या आ गई और रेलगाड़ी अचानक उल्टी दिशा में दौड़ने लगी।
हालांकि, उन्होंने कहा कि बनबसा से दो-तीन किलोमीटर पीछे दौड़ने के बाद रेलगाड़ी चकरपुर में रूक गई और इसमें जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ। पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस दौरान रेलगाड़ी में करीब 60-70 यात्री थे और यात्रियों को चकरपुर में सुरक्षित उतार कर बसों से उनके गंतव्य तक भेजा गया है।
चौंकाने वाली बात ये रही कि ट्रेन ने उल्टा चलते हुए आखिर में नंदना पुल पर आकर रुकी। इस दौरान ट्रेन में 60-70 यात्री सवार थे। हालांकि इस दौरान किसी भी तरह का हादसा नहीं हुआ लेकिन ट्रेन के उल्टा चलने की जानकारी मिलते ही हड़कंप मच गया। अपनी उल्टी चाल के दौरान ट्रेन ने 9 क्रॉसिंग बेरियर भी पार कर दिए।
ऐसा नहीं है खटीमा टनकपुर बड़ी लाइन बनने के बाद यह हादसा पहली बार हुआ है। 2017 में भी एक मालगाड़ी टनकपुर से खटीमा 25 किलोमीटर पीछे लौट गई थी। बुधवार को पूर्णागिरि एक्सप्रेस के उल्टी दिशा में दौड़ने पर सवाल खड़े हो रहें हैं। हादसे के बाद रेलवे विभाग ने खटीमा से एक अतिरिक्त इंजन की मदद से ट्रेन को वापस खटीमा रेलवे स्टेशन भेजा।
बता दें कि शनिवार को नई दिल्ली से देहरादून आ रही शताब्दी एक्सप्रेस के एक कोच में राजाजी टाइगर रिजर्व की कांसरों रेंज के निकट आग लग गई थी। इस दौरान रेलगाड़ी का पूरा कोच जलकर खाक हो गया था लेकिन उसमें यात्रा कर रहे 35 यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था।
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