Friday, April 26, 2024
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Weather Forecast: चमोली, तपोवन में कैसा रहेगा मौसम का हाल? मौसम विभाग ने दिया बड़ा अपडेट

उत्तराखंड के चमोली जिले में आए जल प्रलय में मरने वालों का आंकड़ा 33 तक पहुंचा गया है। तपोवन में 93 श्रमिक अभी भी लापता हैं। इसी बीच मौसम विभाग ने चमोली में बारिश और बर्फबारी का अलर्ट दिया है जिससे स्थानीय लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: February 09, 2021 20:12 IST
Uttarakhand Weather Forecast- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV उत्तराखंड के चमोली जिले में आए जल प्रलय में मरने वालों का आंकड़ा 33 तक पहुंचा गया है। 

नई दिल्ली: उत्तराखंड के चमोली जिले में आए जल प्रलय में मरने वालों का आंकड़ा 33 तक पहुंचा गया है। तपोवन में 93 श्रमिक अभी भी लापता हैं। इन्हें बचाने के लिए राहत और बचाव का काम तेजी से किया जा रहा है। इसी बीच मौसम विभाग ने चमोली में बारिश और बर्फबारी का अलर्ट दिया है जिससे स्थानीय लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। मौसम विभाग के मुताबिक एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है जिसके चलते उत्तराखंड के उत्तरी भाग में खास तौर पर चमोली जिले में कुछ जगहों पर 09 और 10 फरवरी को दोपहर को हल्की बारिश और बर्फबारी हो सकती है।

मौसम विभाग के मुताबिक 09 और 10 फरवरी को न्यूनतम तापमान 02 डिग्री सेल्सियस के करीब रह सकता है। बयान में कहा गया है कि तपोवन और जोशीमठ में बारिश या बर्फबारी की संभावना नहीं है। मौसम मुख्य रूप से शुष्क रहेगा। हालात को देखते हुए आईटीबीपी, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ को हाई अलर्ट पर रखा गया है। एयरफोर्स को भी अलर्ट कर दिया गया है। आईटीबीपी और तीन एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं। इन्हें एयरलिफ्ट करके मौके पर ले जाया जा रहा है।

बता दें कि उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को हिमखंड टूटने से नदियों में आई विकराल बाढ़ ने आठ साल पहले की केदारनाथ आपदा की भयावह यादें फिर से ताजा कर दीं। हांलांकि, गनीमत यह रही कि वर्ष 2013 की तरह इस बार बारिश नहीं थी और आसमान पूरी तरह साफ था जिससे हेलीकॉप्टर उड़ाने में मौसम बाधा नहीं बना जिससे एसडीआरएफ की टीमें जल्द ही प्रभावित स्थान पर पहुंच गईं और बचाव अभियान तुरंत शुरू कर दिया गया।

Uttarakhand Weather Forecast

Image Source : IMD
उत्तराखंड के चमोली जिले में आए जल प्रलय में मरने वालों का आंकड़ा 33 तक पहुंचा गया है। 

बता दें कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सोमवार शाम को आपदाग्रस्त तपोवन क्षेत्र पहुंचे थे और उन्होंने मंगलवार सुबह क्षेत्र का हवाई दौरा किया और हादसे में घायल हुए लोगों से अस्पताल में मुलाकात की तथा उनका हालचाल जाना। रविवार को पहाड़ से गिरी लाखों टन बर्फ के कारण ऋषिगंगा और धौलीगंगा नदियों में अचानक बाढ़ आ गई और इससे ऋषिगंगा और तपोवन-विष्णुगाड बिजली परियोजनाओं में काम करने वाले और आसपास रहने वाले करीब आधा दर्जन लोग घायल हो गए। 

एनटीपीसी की सुरंग में भारी मलबा होने तथा उसके घुमावदार होने के कारण बचाव और राहत कार्यों में मुश्किलें आ रही हैं इसके बावजूद सुरंग का आधे से ज्यादा रास्ता अब तक साफ किया जा चुका है और अधिकारियों को उम्मीद है कि जल्द ही वहां फंसे लोगों से संपर्क हो सकेगा।

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