Friday, March 29, 2024
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PM मोदी के 'मन की बात', कहा- लोकल खिलौनों के लिए वोकल बनना है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रविवार (30 अगस्त) को सुबह 11 बजे अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिए देशवासियों को संबोधित किया।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: August 30, 2020 11:26 IST
PM मोदी के 'मन की बात'- India TV Hindi
Image Source : PTI PM मोदी के 'मन की बात'

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रविवार (30 अगस्त) को सुबह 11 बजे अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने लोकल खिलौनों के लिए वोकल बनने की बात कही। उन्होंने कहा, "हमारे चिंतन का विषय था- खिलौने और विशेषकर भारतीय खिलौने । हमने इस बात पर मंथन किया कि भारत के बच्चों को नए-नए Toys कैसे मिलें, भारत, Toy Production का बहुत बड़ा hub कैसे बने।"

पीएम ने कहा, "साथियो, खिलौने जहां activity को बढ़ाने वाले होते हैं, तो खिलौने हमारी आकांक्षाओं को भी उड़ान देते हैं।" पीएम मोदी ने कहा, "बच्चों के जीवन के अलग-अलग पहलू पर खिलौनों का जो प्रभाव है, इस पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी बहुत ध्यान दिया गया है।" प्रधानमंत्री ने कहा, "खिलौना वो हो जिसकी मौजूदगी में बचपन खिले भी, खिलखिलाए भी । हम ऐसे खिलौने बनाएं, जो पर्यावरण के भी अनुकूल हों।"

उन्होंने कहा, "हमारे देश में Local खिलौनों की बहुत समृद्ध परंपरा रही है। कई प्रतिभाशाली और कुशल कारीगर हैं, जो अच्छे खिलौने बनाने में महारत रखते हैं।भारत के कुछ क्षेत्र Toy Clusters यानी खिलौनों के केन्द्र के रूप में भी विकसित हो रहे हैं। जैसे, कर्नाटक के रामनगरम में चन्नापटना, आन्ध्र प्रदेश के कृष्णा में कोंडापल्ली, तमिलनाडु में तंजौर, असम में धुबरी, उत्तर प्रदेश का वाराणसी- कई ऐसे स्थान हैं, कई नाम गिना सकते हैं।"

प्रधानमंत्री ने कहा, "अब आप सोचिए कि जिस राष्ट्र के पास इतनी विरासत हो, परम्परा हो, विविधता हो, युवा आबादी हो, क्या खिलौनों के बाजार में उसकी हिस्सेदारी इतनी कम होनी, हमें, अच्छा लगेगा क्या? जी नहीं, ये सुनने के बाद आपको भी अच्छा नहीं लगेगा।"

पीएम मोदी ने कहा, "अब जैसे आन्ध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में श्रीमान सी.वी. राजू हैं। उनके गांव के एति-कोप्पका Toys एक समय में बहुत प्रचलित थे। इनकी खासियत ये थी कि ये खिलौने लकड़ी से बनते थे, और दूसरी बात ये कि इन खिलौनों में आपको कहीं कोई angle या कोण नहीं मिलता था। सी.वी. राजू ने एति-कोप्पका toys  के लिये, अब, अपने गाँव के कारीगरों के साथ मिलकर एक तरह से नया movement शुरू कर दिया है । बेहतरीन quality के एति-कोप्पका Toys बनाकर सी.वी. राजू ने स्थानीय खिलौनों की खोई हुई गरिमा को वापस ला दिया है।"

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