Saturday, April 27, 2024
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ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री ने कहा, क्वाड तेजी से और बेहद प्रभावी रूप से उभरा है

इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष पीटर डटन से कहा कि तालिबान का उदय भारत और क्षेत्र के लिए गंभीर सुरक्षा चिंताएं पैदा करता है क्योंकि जिन आतंकवादी समूहों का अफगानिस्तान में ठिकाना है, उन्हें अपनी गतिविधियां बढ़ाने के लिए और सहयोग मिल सकता है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: September 10, 2021 22:43 IST
Quad has evolved swiftly, very effectively: Australian foreign minister Marise Payne- India TV Hindi
Image Source : ANI ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मारिस पायने ने शुक्रवार को कहा कि क्वाड तेजी से और बहुत प्रभावी रूप से उभरा है।

नयी दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मारिस पायने ने शुक्रवार को कहा कि क्वाड तेजी से और बहुत प्रभावी रूप से उभरा है और ऑस्ट्रेलिया इस क्षेत्र में एक मजबूत नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए भारत की सराहना करता है। ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पायने ने हिंद-प्रशांत के समक्ष महत्वपूर्ण चुनौतियों के बारे में बात की और कहा कि ऑस्ट्रेलिया एक ऐसा क्षेत्र चाहता है जहां बड़े और छोटे देशों के अधिकारों का सम्मान किया जाए तथा कोई भी एकल प्रभावशाली शक्ति दूसरों के लिए परिणाम तय नहीं करे। उनकी इस टिप्पणी को परोक्ष रूप से चीन के संदर्भ में देखा गया। 

पायने ने कहा, ''हम इस क्षेत्र में एक मजबूत नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए भारत की सराहना करते हैं।'' भारत और ऑस्ट्रेलिया के विदेश और रक्षा मंत्रियों के बीच होने वाली पहली टू-प्लस-टू वार्ता के लिए ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मारिस पायने और रक्षा मंत्री डटन शुक्रवार को यहां पहुंचे। पायने ने कहा, ''भारत की आजादी के बाद से ही ऑस्ट्रेलिया ने गांधी, नेहरू, पटेल और आंबेडकर द्वारा शुरू की गई साहसिक राष्ट्र-निर्माण परियोजना की प्रशंसा की है जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक उनके उत्तराधिकारियों द्वारा जारी रखा गया है।'' उल्लेखनीय है कि भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान क्वाड गठबंधन का हिस्सा हैं।

इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष पीटर डटन से कहा कि तालिबान का उदय भारत और क्षेत्र के लिए गंभीर सुरक्षा चिंताएं पैदा करता है क्योंकि जिन आतंकवादी समूहों का अफगानिस्तान में ठिकाना है, उन्हें अपनी गतिविधियां बढ़ाने के लिए और सहयोग मिल सकता है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि वार्ता के दौरान, सिंह ने यह भी कहा कि अफगानिस्तान के भू-भाग का इस्तेमाल किसी अन्य देश को धमकाने या हमला करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए और इस बात पर जोर दिया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अफगानिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी)के प्रस्ताव 2593 का कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कोशिश करनी चाहिए। 

सूत्रों ने बताया कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता पर कब्जा करने के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति को लेकर संभावित निहितार्थों पर चिंता व्यक्त की है क्योंकि अफगानिस्तान से केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवादी गतिविधियों के फैलने की आशंका है। सूत्रों ने बताया कि डटन के साथ वार्ता में सिंह ने तालिबान की हुकूमत में मानवाधिकारों के उल्लंघन और महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों के दमन पर भारत की चिंताओं से अवगत कराया। सूत्रों ने बताया कि अफगान संकट पर विस्तार से चर्चा हुई और इस पर दोनों पक्षों के विचारों में समानता दिखी।

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