Friday, March 29, 2024
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राहुल गांधी चाहते हैं पूरी तरह से रद्द हों कृषि कानून,ट्वीट कर कही यह बात

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी चाहते हैं कि कृषि कानून पूरी तरह से रद्द कर दिया जाए। ये बात उन्होंने अपने ट्वीटर पर किसानों और सरकार से बातचीत शुरू होने से पहले पोस्ट की।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: December 03, 2020 13:12 IST
राहुल गांधी चाहते हैं पूरी तरह से रद्द हों कृषि कानून,ट्वीट कर कही यह बात- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO राहुल गांधी चाहते हैं पूरी तरह से रद्द हों कृषि कानून,ट्वीट कर कही यह बात

नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी चाहते हैं कि कृषि कानून पूरी तरह से रद्द कर दिया जाए। ये बात उन्होंने अपने ट्वीटर पर किसानों और सरकार से बातचीत शुरू होने से पहले पोस्ट की हैय़  उन्होंने ट्वीट कर कहा-काले कृषि कानूनों को पूर्ण रूप से रद्द करने से कम कुछ भी स्वीकार करना भारत और उसके किसानों के साथ विश्वासघात होगा।

इससे पहले कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार को बिना किसी देरी के तीन "काले" कृषि कानूनों को निलंबित करना चाहिए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रदर्शनकारी किसानों से सीधे वार्ता करनी चाहिए। केंद्र सरकार और आंदोलन कर रहे किसानों संघों के बीच एक दिन पहले हुई वार्ता नए कृषि कानूनों पर गतिरोध खत्म करने में नाकाम रही और दोनों पक्ष बृहस्पतिवार को फिर मिलेंगे। संगठनों ने किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दों को देखने के लिए एक समिति गठित करने की सरकार की पेशकश को खारिज कर दिया। 

सुरजेवाला ने पत्रकारों से कहा, " कृषि मंत्री (नरेंद्र सिंह तोमर) वार्ता करने के लिये अक्षम हैं, इसलिए प्रधानमंत्री को सभी पूर्वाग्रहों एवं पहले से तय धारणाओं को एक तरफ रखकर यह वार्ता करनी चाहिए।" कांग्रेस प्रवक्ता के मुताबिक, करीब 20,000 किसानों के खिलाफ पराली जलाने या "दिल्ली चलो" मार्च के संबंध में मामले दर्ज किए गए हैं। उन्होंने कहा, " मोदी सरकार को बिना किसी देरी के इन तीन काले कानूनों को निलंबित करना चाहिए, पराली जलाने के संबंध में किसानों को दंडित करने के लिए जारी अधिसूचना और किसानों के खिलाफ दर्ज सभी आपराधिक मामलों को वापस लेना चाहिए।" 

सुरजेवाला ने कहा, "मामले के समाधान तक कानूनों को निलंबित कर देना चाहिए।" कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कृषि मंत्री ने विशेष समिति गठित करने का एक "लॉलीपॉप" दिया है। उन्होंने पूछा कि कानून बनाने से पहले अलग-अलग किसान संगठनों, उनके प्रतिनिधियों, पक्षकारों और राज्य सरकारों से विमर्श करने के लिए समिति क्यों गठित नहीं की गई? सुरजेवाला ने जानना चाहा कि कृषि संबंधी कानूनों को विशेष संसदीय समिति के पास क्यों नहीं भेजा गया, जैसा कि संसद में विपक्ष मांग कर रहा था। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, "मोदी सरकार एक बार फिर न सिर्फ किसानों के हितों को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि अपने पूंजीपति दोस्तों के कारण किसानों को गुलाम बनाने और उनके हितों को दबाने पर आमादा है।" 

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