Monday, April 29, 2024
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Chandrayaan-3 को लेकर बड़ा अपडेट, लैंडर से 100 मीटर दूर हुआ रोवर, शुरू होगी ये प्रक्रिया

चंद्रयान-3 को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। जानकारी मिली है कि रोवर, लैंडर से 100 मीटर दूर हो गया है। एक या दो दिन में इन्हें निष्क्रिय करने की प्रक्रिया शुरू होगी।

Rituraj Tripathi Edited By: Rituraj Tripathi @riturajfbd
Updated on: September 02, 2023 14:24 IST
Chandrayaan-3- India TV Hindi
Image Source : ISRO चंद्रयान-3 को लेकर बड़ा अपडेट

श्रीहरिकोटा: चंद्रयान-3 को लेकर इसरो प्रमुख एस सोमनाथ का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने शनिवार को कहा कि चंद्रमा पर भेजे गए चंद्रयान-3 के रोवर और लैंडर ठीक से काम कर रहे हैं और चूंकि चंद्रमा पर अब रात हो जाएगी इसलिए इन्हें निष्क्रिय किया जाएगा। सोमनाथ ने कहा कि लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान अब भी काम कर रहे हैं और हमारी टीम अब वैज्ञानिक साजो-सामान के साथ ढेर सारा काम कर रही है।

उन्होंने कहा, 'अच्छी खबर यह है कि लैंडर से रोवर कम से कम 100 मीटर दूर हो गया है और हम आने वाले एक या दो दिन में इन्हें निष्क्रिय करने की प्रक्रिया शुरू करने जा रहे हैं, क्योंकि वहां (चांद पर) रात होने वाली वाली है।' इसरो प्रमुख ने पहले सूर्य मिशन ‘आदित्य एल1’ का आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से सफल प्रक्षेपण होने के बाद मिशन नियंत्रण केन्द्र से अपने संबोधन में यह जानकारी दी। 

इसरो ने आज लॉन्च किया सूर्य मिशन

इसरो ने आज एक और मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। इस मिशन का नाम आदित्य L-1 है। ये ISRO का पहला सूर्य मिशन था, जिसके चारों चरण सफल हो गए हैं। पीएम मोदी ने ट्वीट करके इस सफलता के लिए इसरो को बधाई दी है। पीएम मोदी ने कहा, 'चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारत ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा जारी रखी है। भारत के पहले सौर मिशन, आदित्य -एल1 के सफल प्रक्षेपण के लिए इसरो के हमारे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई। संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए ब्रह्मांड की बेहतर समझ विकसित करने के लिए हमारे अथक वैज्ञानिक प्रयास जारी रहेंगे।'

ISRO ने सूर्य की स्टडी करने के लिए आदित्य एल 1 को आज सुबह 11.50 बजे सफलतापूर्वक लॉन्च किया। ये लॉन्चिंग आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से की गई। इस मिशन में 7 पेलोड लगे हैं, जिसमें से 6 भारत में बने हैं। आदित्य एल 1 करीब 15 लाख किलोमीटर का सफर तय करेगा। ये मिशन भारत के लिए ऐतिहासिक है क्योंकि सूर्य की स्टडी करने के लिए ये भारत का पहला मिशन है। 

आदित्य एल 1 को सूर्य की कक्षा में पहुंचने में 128 दिन का समय लगेगा। इस मिशन को ISRO के सबसे भरोसेमंद PSLV रॉकेट के साथ लॉन्च किया गया है। वैसे तो अभी तक अमेरिका समेत कई देशों ने सूर्य के अध्ययन के लिए सैटेलाइट भेजे हैं, लेकिन इसरो का आदित्य एल वन अपने आप में अनोखा है। (इनपुट: भाषा से भी)

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