Thursday, July 03, 2025
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एयरपोर्ट से लेकर रनवे तक, विमान के उड़ान भरने से पहले क्या क्या चेक होता है, क्या है पूरी प्रक्रिया?

गुजरात के अहमदाबाद में एयर इंडिया का प्लेन आज क्रैश हो गया। इस विमान में सवार कई यात्रियों की मौत हो चुकी है। इसी विमान में गुजरात के पूर्व सीएम विजय रुपाणी भी सवार थे, जिनकी मौत हो चुकी है। ऐसे में चलिए बताते हैं कि एयरपोर्ट से लेकर रनवे तक विमान के उड़ान भरने से पहले क्या क्या चेक किया जाता है।

Written By: Avinash Rai @RaisahabUp61
Published : Jun 12, 2025 22:30 IST, Updated : Jun 12, 2025 22:30 IST
From the airport to the runway what all checks are done before the plane takes off what is the whole
Image Source : PTI विमान के उड़ान भरने से पहले क्या क्या चेक होता है?

गुजरात के अहमदाबाद में आज भीषण विमान हादसा देखने को मिला है। दरअसल एयर इंडिया का विमान Air India Boeing 787-8 Dreamliner अहमदाबाद में क्रैश हो गया। इस विमान में 242 यात्री सवार थे। इसमें से कई लोगों की मौत हो गई है। इसी विमान में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी भी सवार थे, जिनकी मौत हो गई है। बता दें कि इस विमान हादसे में केवल एक यात्री की जान बची है, जिनकी पहचान रमेश विश्वास कुमार के रूप में हुई है, जिनकी उम्र 40 वर्ष है और वह एक ब्रिटिश नागरिक हैं। इस विमान हादसे ने सभी को झंकझोर कर रख दिया है। ऐसे में चलिए आपको बताते हैं कि एयरपोर्ट से लेकर रनवे पर उड़ान भरने तक, कितने चरणों में क्या-क्या होता है?

1. उड़ान से पहले की तैयारी (Pre-Flight Preparation)

उड़ान योजना (Flight Planning): 

किसी भी फ्लाइट के उड़ान भरने से पहले एयरलाइन का ऑपरेशन डिपार्टमेंट उड़ान की योजना बनाता है, जिसमें मार्ग, मौसम, ईंधन की मात्रा, वैकल्पिक हवाई अड्डे, और उड़ान का समय शामिल होता है। पायलट्स को फ्लाइट प्लान और NOTAMs (Notice to Airmen) की जानकारी दी जाती है, जिसमें रनवे की स्थिति, हवाई क्षेत्र के प्रतिबंध आदि शामिल होते हैं।

मौसम की जांच (Weather Check): 

पायलट और डिस्पैचर मौसम की स्थिति (METAR और TAF रिपोर्ट्स) की जांच करते हैं, ताकि टेकऑफ, लैंडिंग और रास्ते में मौसम की स्थिति का आंकलन हो सके।

विमान की तकनीकी जांच (Technical Inspection):

मेंटेनेंस क्रू द्वारा विमान की पूरी तकनीकी जांच की जाती है। इसमें इंजन, टायर, हाइड्रॉलिक सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक्स, और अन्य महत्वपूर्ण हिस्सों की जांच शामिल होती है। यह सुनिश्चित किया जाता है कि विमान DGCA (Directorate General of Civil Aviation) के मानकों के अनुरूप है।

ईंधन की जांच (Fuel Check): 

आवश्यक ईंधन की मात्रा की गणना की जाती है, जिसमें रिजर्व ईंधन भी शामिल होता है। ईंधन की गुणवत्ता और मात्रा की जांच की जाती है।

वजन और संतुलन (Weight and Balance): 

विमान का कुल वजन (यात्री, सामान, कार्गो, और ईंधन) और उसका संतुलन (Center of Gravity) चेक किया जाता है, ताकि उड़ान के दौरान स्थिरता बनी रहे।

2. ग्राउंड हैंडलिंग और यात्री प्रक्रिया (Ground handling and passenger procedures)

यात्री चेक-इन और बोर्डिंग (Passenger check-in and boarding):

यात्री चेक-इन काउंटर पर टिकट और पहचान पत्र की जांच करवाते हैं। सामान की जांच और वजन मापा जाता है। इसके बाद यात्री कभी 1 तो कभी 2 लेयर्स की सिक्योरिटी चेक के बाद बोर्डिंग गेट पर पहुंचते हैं, जहां से उन्हें विमान पर बोर्ड करने के लिए ले जाया जाता है। 

सामान लोडिंग (Baggage Loading): 

सामान को स्कैन और लोड किया जाता है। खतरनाक सामग्री की जांच की जाती है।

ग्राउंड सपोर्ट उपकरण (Ground Support Equipment): 

ग्राउंड क्रू विमान को पुशबैक ट्रैक्टर, बिजली आपूर्ति, और अन्य उपकरणों के साथ तैयार करता है।

3. पायलट और क्रू की प्रक्रिया (Pilot and Crew Procedures)

प्री-फ्लाइट ब्रीफिंग (Pre-Flight Briefing): 

पायलट और केबिन क्रू उड़ान की योजना, सुरक्षा प्रक्रियाओं और आपातकालीन प्रोटोकॉल पर चर्चा करते हैं।

विमान की बाहरी जांच (Walk-Around Inspection): 

पायलट या मेंटेनेंस स्टाफ विमान के बाहरी हिस्सों जैसे पंख, टेल, लैंडिंग गियर, और सेंसर की जांच करते हैं।

कॉकपिट प्री-फ्लाइट चेकलिस्ट (Cockpit Pre-Flight Checklist):

पायलट कॉकपिट में सभी सिस्टम्स (नेविगेशन, कम्युनिकेशन, इंजन कंट्रोल, और फ्लाइट मैनेजमेंट सिस्टम) की जांच करते हैं। फ्लाइट कंट्रोल, रडार और अन्य मैकेनिकल सिस्टम्स की कार्यक्षमता चेक की जाती है।

4. एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) समन्वय (Air Traffic Control (ATC) Coordination)

क्लियरेंस प्राप्त करना (Obtaining Clearance):

पायलट ATC से स्टार्टअप और पुशबैक की अनुमति मांगते हैं। ATC टेकऑफ के लिए रनवे और उड़ान मार्ग का क्लियरेंस देता है।

टैक्सींग (Taxiing):

विमान को पुशबैक ट्रैक्टर द्वारा गेट से बाहर निकाला जाता है, फिर पायलट टैक्सीवे के माध्यम से रनवे तक ले जाते हैं। इस दौरान ATC के निर्देशों का पालन किया जाता है, ताकि अन्य विमानों के साथ टकराव न हो।

5. रनवे पर अंतिम जांच (Final checks on the runway)

रनवे की स्थिति (Runway Condition):

ATC और ग्राउंड स्टाफ रनवे की स्थिति की जांच करते हैं, जैसे कि मलबा, गीला रनवे या अन्य बाधाएं।

लाइन-अप और टेकऑफ क्लियरेंस (Line-up and takeoff clearance):

विमान रनवे पर लाइन अप करता है और ATC से अंतिम टेकऑफ क्लियरेंस प्राप्त करता है।

अंतिम सिस्टम चेक (Final system check):

पायलट टेकऑफ से पहले इंजन, फ्लैप्स, और अन्य सिस्टम्स की अंतिम जांच करते हैं।

6. टेकऑफ (Takeoff)

सभी जांच पूरी होने और ATC से अनुमति मिलने के बाद, पायलट विमान को टेकऑफ करने के लिए विमान की रफ्तार को बढ़ाता है। टेकऑफ के दौरान कॉकपिट क्रू सतर्क रहता है और किसी भी असामान्य स्थिति पर नजर रखता है। टेकऑफ के बाद, विमान ATC के निर्देशों के अनुसार निर्धारित मार्ग पर उड़ान भरता है।

उड़ान से पहले की महत्वपूर्ण बातें

DGCA नियम का ध्यान: भारत में सभी प्रक्रियाएं DGCA के नियमों और अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) के मानकों के अनुसार होती हैं।

सुरक्षा को प्राथमिकता: प्रत्येक चरण में सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण होती है, और किसी भी अनियमितता की स्थिति में उड़ान को रोका जा सकता है।

समन्वय: ग्राउंड स्टाफ, पायलट, ATC, और केबिन क्रू के बीच समन्वय आवश्यक है।

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