Saturday, April 27, 2024
Advertisement

कुत्तों का आतंक जारी, 5 साल के मासूम की इलाज के दौरान मौत, काटे जाने के बाद डॉक्टर ने की बड़ी लापरवाही

कर्नाटक के चिक्कबल्लापुर में 5 साल के बच्चे को कुत्ते ने काट लिया। जिसके बाद उसकी मौत हो गई। परिजनों ने जमकर बवाल काटा।

Ravi Prashant Edited By: Ravi Prashant @iamraviprashant
Published on: November 16, 2022 19:04 IST
कुत्ते के काटने से मौत - India TV Hindi
Image Source : PEXEL/SOCIALMEDIA कुत्ते के काटने से मौत

कर्नाटक के चिक्कबल्लापुर में एक कुत्ते ने पांच साल के बच्चे को काट लिया। जिसके बाद बच्चे की मौत हो गई। कुत्ते के काटने के बाद आनन-फानन मे परिजन बच्चे को अस्पताल में ले गए लेकिन डॉक्टर की लापरवाही ने बच्चे की जान ले ली। 

डॉक्टर की लापरवाही सामने आई

पुलिस ने बताया कि पीड़ित कोरातालादिन्ने रहने वाले हैं। जानकारी के मुताबिक परिजनों ने कहा कि समय रहते डॉक्टर ने बच्चे को रैबिज की सुई नहीं लगाई जिसके कारण बच्चे की मौत हो गई। इसके बाद लड़के के माता-पिता समेत लोगों ने होसुरु के सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने सवाल उठाए कि कुत्ते के काटने के इलाज के दौरान बच्चे को रेबीज का टीका क्यों नहीं लगाया गया? 

हालत गंभीर होने पर इंदिरा गांधी अस्पताल में कराया था भर्ती 
30 अक्टूबर को घर के बाहर खेल रहे बच्चे को कुत्ते ने काट लिया। जिसके बाद उसके माता-पिता उसे पास के होसुर सरकारी अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने उसे एक इंजेक्शन लगाया और वापस भेज दिया। लेकिन जब बच्चा ठीक नहीं हुआ, तो वे उसे गौरीबदनूर शहर के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। उसकी हालत गंभीर होने के कारण उसे बेंगलुरु के इंदिरा गांधी बाल स्वास्थ्य संस्थान में रेफर कर दिया गया।

दिमाग में जहर ने कर दिया था असर 
बच्चे ने इंदिरा गांधी अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। बल्ड टेस्ट से पता चला था कि कुत्ते के काटने के जहर से उसका मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव पड़ा था। जब माता-पिता अपने बच्चे के मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए होसुर सरकारी अस्पताल आए, तो उन्हें पता चला कि डॉक्टर ने इलाज के दौरान उनके बच्चे को रेबीज का टीका लगाने के बारे में नहीं बताया था। पूछने पर चिकित्सक व स्टाफ ने गोलमोल जवाब दिया। इस संबंध में माता-पिता, रिश्तेदारों और लोगों ने धरना दिया और डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

भारत में कुत्ते पालने के नियम 

  • एक फ्लैट में अधिकत्तम दो कुत्तों का ही रजिस्ट्रेशन कराया जाए।
  • पालतू कुत्तों द्वारा की गई गंदगी की सफाई की पूरी जिम्मेदारी कुत्ते के मालिक की होगी। इसके अतिरिक्त आवारा कुत्तों का ध्यान रखने की जिम्मेदारी RWA की होगी।
  • कोई भी व्यक्ति किसी के घर के सामने कुत्तों को न तो खाना खिलाएगा और न गंदगी फैलाएगा।
  • पशु प्रेमी तथा RWA आपस में समन्यव स्थापित करते हुए आवारा कुत्तों को खाना खिलाने के लिए निर्धारित स्थान तय करें। 
  • सार्वजनिक स्थान जैसे- पार्क और लिफ्ट में कुत्तों को ले जाते समय उनके मुंह पर मजल लगाना अनिवार्य होगा लेकिन अधिक गर्मी के मौसम में जहां लोग कम हों मजल हटा सकते हैं।
  • गाजियाबाद नगर निगम द्वारा पिटबुल, रॉटवीलर तथा डोगो अर्जेंटीना जैसे आक्रामक कुत्तों का रजिस्ट्रेशन तथा ब्रीडिंग प्रतिबंधित किया जाता है।
  • इसके अलावा, वो लोग जिन्होंने ऐसे कुत्ते पाले हुए हैं उन्हें इस शर्त पर रजिस्ट्रेशन प्रदान किया जाएगा कि अगले 2 माह के अंदर अपने कुत्ते का बध्याकरण (नसबंदी) अनिवार्य रूप से करा लें। इस निर्धारित समयावधि के बाद उन कुत्तों का पंजीकरण नहीं किया जाएगा। 
  • यदि उल्लेखित आक्रामक कुत्ता 6 माह से कम उम्र का है तो कुत्ते के मालिक को निगम में यह शपथ पत्र देना होगा कि कुत्ते Kani उम्र 6 माह पूर्ण होने पर कुत्ते का बध्याकरण कराकर निगम को इसकी सूचना 10 दिन के अंदर प्रदान की जाएगी। 

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement