Friday, March 29, 2024
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"हम पापा को बहुत याद करते हैं"...अफगानिस्तान में 2 वर्ष से फंसे पिता के लिए रो पड़ी 9 वर्षीय बच्ची

Touching Appeal of Girl Child for Her father: करीब 2 वर्षों से वीजा की दिक्कतों के चलते अफगानिस्तान में फंसे पिता की एक झलक पाने को 9 साल की बेटी बेहाल है। मासूम बच्ची का पिता की याद में रो-रोकर बुरा हाल है। अपने पिता की वापसी के लिए भारत सरकार से अपील करते बच्ची ने कहा कि "हम अपने पापा को बहुत याद करते हैं"।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: January 08, 2023 14:50 IST
प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi
Image Source : AP प्रतीकात्मक फोटो

Touching Appeal of Girl Child for Her father: करीब 2 वर्षों से वीजा की दिक्कतों के चलते अफगानिस्तान में फंसे पिता की एक झलक पाने को 9 साल की बेटी बेहाल है। मासूम बच्ची का पिता की याद में रो-रोकर बुरा हाल है। अपने पिता की वापसी के लिए भारत सरकार से अपील करते बच्ची ने कहा कि "हम अपने पापा को बहुत याद करते हैं"। यह कहते उसके आंसू टपकने लगे। बच्ची हिचकियां देकर पिता से मिलने के लिए रोने लगी। परिवारजनों का कहना है कि वह हर दिन अपने पिता को याद करती है और रोती है।

एक बार फिर से पिता की वापसी की उम्मीद में 9 साल की बच्ची ने भारत सरकार से मार्मिक अपील की है। उसके पिता दो साल पहले अफगानिस्तान में फंस गए थे और अपने परिवार के पास लौटने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। केरल विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग में पोस्ट डॉक्टोरल फेलो गुलाबमीर रहमानी अपने वीजा के नवीनीकरण के अलावा अनुसंधान के संबंध में आंकड़े जुटाने के लिए वर्ष 2020 में अफगानिस्तान गए थे। दुर्भाग्य से 2020 में ही अमेरिकी सरकार ने वहां तैनात अपनी सेना को वापस बुलाना शुरू कर दिया और तालिबान ने देश पर कब्जा कर लिया। वीजा नवीनीकरण की नियमित कवायद रहमानी के परिवार के लिए दु:स्वप्न साबित हुई, क्योंकि भारत सरकार ने भूराजनीतिक परिदृश्य में बदलाव के मद्देनजर अफगानिस्तान में रह रहे लोगों का वीजा रद्द कर दिया और इसके परिणामस्वरूप रहमानी वहां फंस गए।

ईरान के रास्ते लौटने की कोशिश भी नाकाम

रहमानी ने ईरान के रास्ते भी भारत लौटने की कोशिश की, लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया और वह तेहरान में करीब एक साल से वीजा हासिल करने का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहाकि, अफगानिस्तान में राजनीतिक हालात बदल गए और मैं वहां फंस गया। बाद में मुझे ईरान का वीजा मिल गया और मैं वहां चला गया, ताकि भारत लौट सकूं। लेकिन मैं करीब एक साल से तेहरान में फंसा हूं।

केरल विश्वविद्यालय के ‘सेंटर फॉर ग्लोबल एकेडेमिक्स’ (सीजीए) के निदेशक प्रोफेसर साबू जोसेफ ने बताया कि रहमानी के विदेश में फंसे होने के कारण तिरुवनंतपुरम में उनकी पत्नी और तीन बच्चों को कठिन हालातों का सामना करना पड़ रहा है। रहमानी की नौ साल की बच्ची ने रोते हुए कहा, ‘‘हम उन्हें बहुत याद करते हैं। हम यहां इंटरनेट की दिक्कत के कारण उनसे ठीक तरह से बात भी नहीं कर पाते। हम चाहते हैं कि वह जल्द आ जाएं, ताकि हम खुशी-खुशी जी सकें।

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