Friday, March 29, 2024
Advertisement

राफेल मामला: फिर कैग पहुंची कांग्रेस, तथ्यों को रिकॉर्ड पर लाने का आग्रह किया

राफेल सौदे को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर लगातार हमले कर रही कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने गुरुवार को फिर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) का रुख किया और आग्रह किया कि इस मामले में ‘फोरेंसिक ऑडिट’ किया जाए।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 04, 2018 16:49 IST
राफेल मामला, कैग, कांग्रेस- India TV Hindi
राफेल मामला: फिर कैग पहुंची कांग्रेस, तथ्यों को रिकॉर्ड पर लाने का आग्रह किया

नई दिल्ली: राफेल सौदे को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर लगातार हमले कर रही कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने गुरुवार को फिर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) का रुख किया और आग्रह किया कि इस मामले में ‘फोरेंसिक ऑडिट’ किया जाए और सभी तथ्यों को रिकॉर्ड पर लाया जाए ताकि संसद जवाबदेही तय कर सके। पार्टी नेताओं ने कैग राजीव महर्षि को ज्ञापन सौंपा जिसमें राफेल मामले का पूरा ब्यौरा दिया गया है और फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के उस कथित बयान का विशेष रूप से हवाला दिया गया कि ‘ऑफसेट साझेदार’ के तौर पर अनिल अंबानी की कंपनी का नाम भारत सरकार ने सुझाया था।

Related Stories

पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा कि इस मामले में कुछ नए खुलासे हुए हैं। पहला खुलासा फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांसवा ओलांद का है जिससे हमारी इस बात की पुष्टि हुई है कि प्रधानमंत्री ने अपने स्तर पर कांट्रैक्ट बदलवाया। दूसरा खुलासा यह है कि रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सौदे को लेकर आपत्ति दर्ज कराई थी। उन्होंने कहा कि हमाने कहा है कि इस मामले से जुड़े हर दस्तावेज की कैग द्वारा छानबीन की जाए। सारे रिकॉर्ड सामने आने के बाद हम संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच पर जोर देंगे।

कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल में पार्टी के कोषाध्यक्ष अहमद पटेल, वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा, जयराम रमेश, रणदीप सुरजेवाला, आरपीएन सिंह और विवेक तन्खा शामिल थे। कैग को सौंपे ज्ञापन में कांग्रेस ने कहा कि हमारा यह स्पष्ट रूप से मानना है कि इस पूरी साजिश, भ्रष्टाचार, राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने और सांठगांठ वाले पूंजीवाद के सभी पहलुओं का खुलासा संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच से हो सकता है।

उसने कहा कि कैग के पास संवैधानिक अधिकार है और हर दस्तावेज की छानबीन करने को अधिकृत है, ऐसे में यह आशा की जाती है कि वह फोरेंसिक ऑडिट करेगा। पार्टी ने कहा कि हम कैग से आग्रह करते हैं कि वह सभी तथ्यों को रिकॉर्ड पर लाए ताकि संसद राफेल घोटाले में जवाबदेही तय कर सके। गत 24 सितंबर को कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने राफेल मामले में केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) के वी चौधरी से मुलाकात की थी और कहा कि यह ‘रक्षा क्षेत्र का सबसे बड़ा घोटाला’ है और इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर सारे रिकॉर्ड की छानबीन की जाए।

उन्होंने यह भी कहा था कि इस विमान सौदे से जुड़े सारे कागजात और फाइलें जब्त की जाएं क्योंकि इनको नष्ट किए जाने की आशंका है। दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी पिछले कई महीनों से यह आरोप लगाते आ रहे हैं कि मोदी सरकार ने फ्रांस की कंपनी दसाल्ट से 36 राफेल लड़ाकू विमान की खरीद का जो सौदा किया है, उसका मूल्य पूर्ववर्ती यूपीए सरकार में विमानों की दर को लेकर बनी सहमति की तुलना में बहुत अधिक है। इससे सरकारी खजाने को हजारों करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। पार्टी ने यह भी दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सौदे को बदलवाया और एचएएल से ठेका लेकर रिलायंस डिफेंस को दिया गया।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Politics News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement