Tuesday, April 23, 2024
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शिव सेना से गलबहियां न करें, निरुपम ने अपनी पार्टी कांग्रेस को चेताया

मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने ट्वीट किया, “उन्हें क्या हो गया है? कोई कांग्रेसी नेता शिवसेना को समर्थन के बारे में सोच भी कैसे सकता है?” पूर्व सांसद ने कहा, “कांग्रेस को शिवसेना के नाटक में नहीं उलझना चाहिए। यह झूठा है। यह सत्ता में ज्यादा साझेदारी के लिये उनका अस्थायी झगड़ा है।”

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: November 01, 2019 15:17 IST
Sanjay Nirupam- India TV Hindi
Image Source : FILE शिव सेना से गलबहियां न करें, निरुपम ने अपनी पार्टी कांग्रेस को चेताया

मुंबई। कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने शुक्रवार को पार्टी नेताओं की आलोचना की जो महाराष्ट्र में अगली सरकार गठन के लिये शिवसेना को समर्थन पर विचार कर रहे हैं। यहां सत्ताधारी गठबंधन सत्ता में साझेदारी को लेकर उलझा हुआ है। निरुपम ने कहा कि भाजपा और उसकी सहयोगी शिवसेना के बीच चल रही जुबानी जंग कुछ और नहीं बल्कि “नाटक” है और कांग्रेस को इससे दूर रहना चाहिए।

मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने ट्वीट किया, “उन्हें क्या हो गया है? कोई कांग्रेसी नेता शिवसेना को समर्थन के बारे में सोच भी कैसे सकता है?” पूर्व सांसद ने कहा, “कांग्रेस को शिवसेना के नाटक में नहीं उलझना चाहिए। यह झूठा है। यह सत्ता में ज्यादा साझेदारी के लिये उनका अस्थायी झगड़ा है।”

हाल में हुए विधानसभा चुनावों में टिकट बंटवारे को लेकर निरुपम पार्टी से नाखुश थे। कांग्रेस में शामिल होने से पहले शिवसेना से जुड़े रहे निरुपम ने कहा, “मेरी समझ के मुताबिक शिवसेना कभी भी भाजपा के साये से बाहर नहीं आएगी।” उन्होंने अपनी पार्टी को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के साथ ‘‘गलबहियां करने” को लेकर आगाह भी किया।

उन्होंने कहा, “यह एक निरर्थक कवायद होने जा रही है। उम्मीद है कि राज्य के नेता इस सच को समझेंगे। इसके बजाए हमें 2014 के विधानसभा चुनावों की तुलना में इस बार अपनी पार्टी का मत प्रतिशत दो फीसद कम होने को लेकर आत्ममंथन करना चाहिए।”

निरुपम ने कहा, “हम 17 फीसद से गिरकर 15 फीसद पर पहुंच गए हैं (मत प्रतिशत के मामले में)। एक दल के तौर पर हम तीसरे से चौथे स्थान पर खिसक गए हैं।” पूर्व मुख्यमंत्रियों और कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण व पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा था कि अगर शिवसेना उनकी पार्टी के समर्थन से सरकार बनाना चाहती है तो उसे भाजपा से अलग होना होगा।

मल्लिकार्जुन खड़गे और सुशील कुमार शिंदे जैसे वरिष्ठ कांग्रेस नेता शिवसेना के साथ किसी भी तरह के रिश्ते के खिलाफ हैं। संपर्क किये जाने पर शिंदे ने पीटीआई-भाषा को बताया कि कांग्रेस एक धर्मनिरपेक्ष दल है। शिंदे ने कहा, “कांग्रेस और शिवसेना विचारधारा के स्तर पर बिल्कुल अलग हैं और मल्लिकार्जुन खड़गे पहले ही कह चुके हैं कि दोनों दलों के साथ आने का सवाल ही नहीं है।”

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