मुंबई: महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बन चुकी है और उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभाल लिया है। इस बीच शिवसेना की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर हमला भी बोला गया, हालांकि पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का रिश्ता भाई समान बताया गया है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र में कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी की यह जिम्मेदारी है कि वह राज्य की कमान संभाल रहे अपने ‘छोटे भाई’ के साथ सहयोग करें।
केंद्र को संबोधित करते हुए शिवसेना ने कहा कि दिल्ली को महाराष्ट्र की जनता के निर्णय का सम्मान करना चाहिए और यह ध्यान रखना चाहिए कि राज्य सरकार की स्थिरता को कोई नुकसान नहीं पहुंचे। गुरुवार शाम उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद मोदी द्वारा उन्हें दी गई शुभकामनाओं की पृष्ठभूमि में शिवसेना ने यह टिप्पणी अपने मुखपत्र सामना में की। मोदी शिवसेना प्रमुख ठाकरे को पहले कभी अपना ‘छोटा भाई’ बता चुके हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद मुख्यमंत्री पद साझा करने के मुद्दे को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच रिश्ते तल्ख हो गए थे।
इस बीच शिवसेना ने बीजेपी से अपना दशकों पुराना नाता तोड़ कर एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर त्रिदलीय गठबंधन बना लिया था। इस गठबंधन ने राज्य में सरकार बना ली है। प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर उद्धव ठाकरे को बधाई दी थी। उन्होंने ट्वीट किया था, ‘महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले उद्धव ठाकरे जी को बधाई। मुझे विश्वास है कि वह महाराष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य के लिए लगन से काम करेंगे।’ शिवसेना ने कहा कि प्रधानमंत्री किसी एक पार्टी के नहीं बल्कि पूरे देश के होते हैं।
इसके जवाब में शिवसेना ने मोदी को ‘हमारे प्रधानमंत्री’ कहकर संबोधित करते हुए लिखा कि उन्होंने ठाकरे के नेतृत्व में महाराष्ट्र के तेज विकास की शुभकामनाएं दी। शिवसेना ने सामना के संपादकीय में लिखा, ‘इसके लिए (तेज विकास) केंद्र को (राज्य के साथ) सहयोग करना होगा। महाराष्ट्र के किसानों को दयनीय हालात से निकालने के लिए केंद्र को मदद देनी होगी। महाराष्ट्र की राजनीति में बीजेपी-शिवसेना के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं लेकिन मोदी और ठाकरे के संबंध भाईयों के समान हैं। ऐसे में यह श्री मोदी की जिम्मेदारी है कि वह प्रधानमंत्री होने के नाते महाराष्ट्र के अपने छोटे भाई के साथ सहयोग करें।’