Friday, April 26, 2024
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संत केशवानंद भारती के निधन पर PM मोदी ने जताया शोक, कहा- वह पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संत केशवानंद भारती के निधन पर रविवार को शोक जताते हुए कहा कि वह आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करते रहेंगे।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: September 06, 2020 17:04 IST
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Image Source : PTI FILE प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संत केशवानंद भारती के निधन पर रविवार को शोक जताते हुए कहा कि वह आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करते रहेंगे।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संत केशवानंद भारती के निधन पर रविवार को शोक जताते हुए कहा कि वह आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करते रहेंगे। बता दें कि भारती की याचिका पर ही उच्चतम न्यायालय ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए संविधान के मूल ढांचे का सिद्धांत दिया था। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘पूज्य केशवानंद भारती जी को हम उनकी सामुदायिक सेवा तथा शोषितों को सशक्त करने के उनके प्रयासों के लिए हमेशा याद रखेंगे। हमारे महान संविधान और भारत की समृद्ध संस्कृति से उनका गहरा लगाव था। वह पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे। ओम शांति।’ 

केरल के कासरगोड में हुआ निधन

संविधान के मूल ढांचे का सिद्धांत दिलाने वाले संत केशवानंद भारती का रविवार को केरल के कासरगोड में निधन हो गया। पुलिस ने बताया कि केरल निवासी संत केशवानंद भारती श्रीपदगवरु का इदानीर मठ में उम्र संबंधी बीमारियों की वजह से 79 साल की उम्र में निधन हो गया। पुलिस ने कहा, ‘हमें मिली सूचना के मुताबिक रविवार तड़के करीब 3.30 पर उनका निधन हुआ।’ बता दें कि चार दशक पहले भारती ने केरल भूमि सुधार कानून को चुनौती दी थी जिसपर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के मूल ढांचे का सिद्धांत दिया और यह फैसला शीर्ष अदालत की अब तक सबसे बड़ी पीठ ने दिया था जिसमें 13 न्यायधीश शामिल थे।


68 दिन तक चली थी सुनवाई
केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य मामले पर 68 दिन तक सुनवाई हुई थी और अब तक सुप्रीम कोर्ट में सबसे अधिक समय तक किसी मुकदमे पर चली सुनवाई के मामले में यह शीर्ष पर है। इस मामले की सुनवाई 31 अक्टूबर 1972 को शुरू हुई और 23 मार्च 1973 को सुनवाई पूरी हुई। भारतीय संवैधानिक कानून में इस मामले की सबसे अधिक चर्चा होती है। मद्रास हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज के. चंद्रू से इस मामले के महत्व के बारे में जब पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘केशवानंद भारती मामले का महत्व इसपर आए फैसले की वजह से है जिसके मुताबिक संविधान में संशोधन किया जा सकता है लेकिन इसके मूल ढांचे में नहीं।’ (भाषा)

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