14 नवंबर को बिहार की जनता ने पार्टी को अबतक की सबसे बड़ी जीत की सौगात दी तो अब केंद्रीय नेतृत्व ने बिहार सरकार के मंत्री नितिन नबीन को बीजेपी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह है। नितिन नबीन बीजेपी के नए अध्यक्ष के चुनाव तक कार्यभार संभालेंगे। महज 45 साल के नितिन नबीन को कार्यकारी अध्यक्ष पद पर नियुक्ति से बीजेपी कार्यकर्ताओं में उत्साह है। बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष चुने जाने के बाद आज सुबह 10 बजे नीतिन नबीन दिल्ली पहुंच रहे हैं। दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल 2 पर नितिन नबीन का बीजेपी कार्यकर्ता स्वागत करेंगे जिसके बाद सुबह 11 बजे वह बीजेपी हेड क्वार्टर पहुंचेंगे। आज बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे।
कौन हैं नितिन नबीन?
नितिन नबीन अभी बिहार सरकार में पथ निर्माण और नगर विकास मंत्री हैं। पटना के बांकीपुर सीट से 2006 उपचुनाव के बाद से लगातार 5 बार से विधानसभा चुनाव जीतते आए हैं। वह कायस्थ समाज से आते हैं और इस समय बिहार मंत्रिमंडल में कायस्थ समाज से वो इकलौते मंत्री हैं। उनके पिता नवीन किशोर प्रसाद सिन्हा भी BJP के कद्दावर नेता थे। पिता के निधन के बाद नितिन नवीन उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। नितिन महज 45 साल की उम्र में बीजेपी के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने वाले सबसे कम उम्र के नेता बन गए हैं।
PM मोदी ने दी बधाई
2024 लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया था तब से नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की तलाश की जा रही थी। नड्डा 2020 में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए थे। पीएम मोदी ने नितिन नबीन के लिए 6 लाइनें लिखी हैं। इन 6 लाइनों में उन्होंने नितिन नबीन की 6 खूबियां गिना दीं।
- कर्मठ कार्यकर्ता
- युवा और परिश्रमी
- संगठन का अनुभव
- प्रभावी काम
- समर्पण भाव और
- विनम्र स्वभाव
कैसे छत्तीसगढ़ के रास्ते से मिली दिल्ली की मंजिल?
पार्टी के सबसे बड़े पद पर युवा चेहरे को लाकर पीएम मोदी ने सरप्राइज किया है। बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने ऐसा कार्यकारी अध्यक्ष चुना है जिसे चुनाव लड़ने और चुनाव लड़ाने दोनों का अनुभव है। नितिन नबीन को अध्यक्ष बनाने की पटकथा पटना में नहीं, बल्कि रायपुर (छत्तीसगढ़) के जंगलों और बूथों पर लिखी गई थी। छत्तीसगढ़ चुनाव में सारे सर्वे कह रहे थे कि बीजेपी चुनाव हारेगी, कांग्रेस छत्तीसगढ़ में फिर से सरकार बनाएगी। बीजेपी को भी जीत का भरोसा नहीं था तब मोदी ने नितिन नबीन को छत्तीसगढ़ चुनाव का प्रभारी बनाकर रायपुर भेजा था। नितिन नबीन ने हारी हुई बाजी पलट दी। उन्होंने चुनाव लड़ने का तरीका बदला और छत्तीसगढ़ में सरकार बदल गई। कांग्रेस हार गई और बीजेपी की सरकार बन गई।
यहां सबसे अहम बात यह है कि नितिन नबीन राष्ट्रीय राजनीति के लिए एकदम ताजा और ऊर्जावान चेहरा हैं, जो कार्यकर्ताओं को 'बूस्ट अप' करने और पार्टी को 'बूस्टर डोज' देने में सक्षम हैं। इसी वजह से वे केंद्रीय नेतृत्व की नजरों में चढ़ गए।
बंगाल के भद्रलोक में कराएंगे बीजेपी की एंट्री?
अब नितिन नबीन के नेतृत्व में ही बीजेपी बंगाल का चुनाव लड़ेगी। नितिन नबीन ही बीजेपी को असम, तमिलनाडु और केरल का चुनाव लड़वाएंगे। नितिन नबीन कायस्थ हैं, बिहार में उनकी जाति की आबादी सिर्फ़ 0.6% है। भारत में कायस्थ 0.1% से भी कम है लेकिन पश्चिम बंगाल के कुलीन अभिजात वर्ग में कायस्थ आबादी अच्छी खासी है। बोस, बसु, घोष, मित्रा, गुहा और दत्ता सरनेम वाले लोग बंगाली भद्रलोक का हिस्सा हैं। नितिन नबीन बंगाल के भद्रलोक में बीजेपी की एंट्री कराएंगे।
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