Thursday, April 25, 2024
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बिहार में इन 2 मुद्दों पर एक हुए जेडीयू और आरजेडी के सुर, बीजेपी की राह अलग

सतत विकास लक्ष्यों के संबंध में नीति आयोग द्वारा की गई राज्यों की रैंकिंग देखें तो बिहार ज्यादातर मानकों में सूची में सबसे नीचे है।

Bhasha Reported by: Bhasha
Updated on: December 16, 2021 21:52 IST
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Image Source : PTI FILE राष्ट्रीय जनता दल ने गुरुवार को केन्द्र सरकार से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की।

Highlights

  • जाति आधारित जनगणना और विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर दोनों विरोधी पार्टियां साथ आ गयी हैं।
  • आरजेडी नेता मनोज कुमार झा ने मुद्दे पर चर्चा के लिए राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया।
  • झा ने इस बात पर जोर दिया कि 2000 में बिहार के पुनर्गठन के बाद यह मांग करने वाली राजद पहली पार्टी थी।

नयी दिल्ली: राष्ट्रीय जनता दल ने गुरुवार को केन्द्र सरकार से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। इसके साथ ही जाति आधारित जनगणना और विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर दोनों विरोधी पार्टियां साथ आ गयी हैं, वहीं आश्चर्य की बात है कि दोनों ही मुद्दों पर जदयू को अपने गठबंधन सहयोगी बीजेपी का साथ नहीं मिला है। आरजेडी नेता मनोज कुमार झा ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया।

हालांकि, ऐसे ही अन्य सभी मामलों की तरह राज्यसभा में उनका नोटिस भी स्वीकार नहीं किया गया, लेकिन बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी का इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी (JDU) के साथ खड़े होने के कारण इसने खूब सुर्खियां बटोरी हैं। इससे पहले आरजेडी और जेडीयू जाति आधारित जनगणना को लेकर एकमत थे, जबकि जदयू का सहयोगी दल भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) दोनों ही मुद्दों के खिलाफ है।

सतत विकास लक्ष्यों के संबंध में नीति आयोग द्वारा की गई राज्यों की रैंकिंग देखें तो बिहार ज्यादातर मानकों में सूची में सबसे नीचे है, यह रेखांकित करते हुए झा ने कहा कि यह सभी के लिए संयुक्त रूप से चिंता का विषय होना चाहिए। उन्होंने बताया कि राज्य में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे को संसद में उठाने और राज्य को विशेष दर्जा दिए जाने की जरूरत को रेखांकित करने को कहा था।

झा ने इस बात पर जोर दिया कि 2000 में बिहार के पुनर्गठन के बाद यह मांग करने वाली राजद पहली पार्टी थी और तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने यह मांग प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समक्ष रखी थी, जो इसके प्रति नरम रूख रखते थे। झा ने कहा कि जदयू इस मामले में राजद की मांग को अपना रही है, राजद नहीं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने इस मुद्दे को ‘राजनीतिक फुटबॉल’ बना दिया है।

झा ने कहा कि किसी भी पार्टी में शामिल बिहारियों को इस मांग का समर्थन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय विकास को लेकर चिंतित प्रत्येक व्यक्ति को समझना चाहिए कि एक राज्य के विकास के बगैर यह संभव नहीं है। झा ने कहा, ‘आपको बिहार के विकास, बदलाव पर पूरा-पूरा ध्यान देना होगा। और विशेष राज्य का दर्ज दिए बगैर यह संभव नहीं है।’

हाल ही में बिहार की उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता रेणु देवी को मुख्यमंत्री नीतीश की कड़ी आलोचना झेलनी पड़ी थी क्योंकि उन्होंने कहा था कि विशेष राज्य के दर्जे की मांग ‘अर्थहीन’ है क्योंकि राज्य के सर्वांगिण विकास के लिए केन्द्र हर संभव मदद कर रहा है। कुमार ने कहा था कि रेणु देवी के पास पूरी जानकारी नहीं है और विशेष राज्य के दर्जे की मांग पूरी तरह तर्कपूर्ण है। भाजपा नेता के दावे पर झा ने कटाक्ष के साथ आरोप लगाया कि भाजपा ‘एक व्यक्ति की पार्टी है और अगर उसके नेताओं को कुछ लगता भी है तो उनमें इतनी हिम्मत नहीं है कि वे अपने दिलो-दिमाग की बात कह सकें।’

झा ने कहा कि केन्द्र को अपने रूख में बदलाव करना चाहिए क्योंकि अगर बिहार विकास के सभी मानदंडों पर पीछे रहता है तो भारत 5 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था नहीं बन सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि उनकी सरकार 2024 तक भारत को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य से काम कर रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के लिए बार-बार विशेष राज्य के दर्जे की मांग की है।

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