Tuesday, April 23, 2024
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UP: लॉ कालेज की लड़की से रेप मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद कोर्ट से बरी

पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद उर्फ कृष्णपाल सिंह को शुक्रवार को कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। स्वामी चिन्मयानंद को एमपी एमएलए कोर्ट ने बरी कर दिया है।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: March 26, 2021 23:28 IST
UP: लॉ कालेज की लड़की से रेप मामले में भाजपा के पूर्व सांसद चिन्मयानंद कोर्ट से बरी- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO UP: लॉ कालेज की लड़की से रेप मामले में भाजपा के पूर्व सांसद चिन्मयानंद कोर्ट से बरी

लखनऊ: सांसद-विधायक अदालत (एमपी-एमएलए कोर्ट) ने शाहजहांपुर की एक विधि छात्रा के साथ यौन संबंध बनाने के लिए उसे बंधक बनाकर रखने के आरोपी पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्‍वामी चिन्‍मयानंद को शुक्रवार को बाइज्जत बरी कर दिया। लखनऊ की एमपी/एमएलए अदालत के विशेष न्‍यायाधीश पवन कुमार राय ने स्‍वामी चिन्‍मयानंद के खिलाफ कोई साक्ष्य न पाते हुए शुक्रवार को यह फैसला सुनाया।

गौरतलब है कि छात्रा अदालत में सुनवाई के दौरान पहले ही अपने बयानों से मुकर गयी थी और कहा था कि प्राथमिकी और पुलिस द्वारा दर्ज किये गये उसके बयान गलत थे। उसने चिन्मयांनद को निर्दोष बताया था। इसके साथ ही अदालत ने रंगदारी व जान-माल की धमकी के मामले में विधि महाविद्यालय की अन्तःवासी छात्रा व पांच अन्य अभियुक्तों संजय सिंह, डीपीएस राठौर, विक्रम सिंह, सचिन सिंह व अजीत सिंह को भी साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है।

विशेष अदालत में फैसला सुनाए जाते वक्त चिन्मयानंद सहित सभी आरोपी उपस्थित थे। इस बहुचर्चित मामले की प्राथमिकी 27 अगस्त, 2019 को अन्तःवासी छात्रा के पिता ने थाना कोतवाली, जिला शाहजहांपुर में दर्ज कराई थी जिसके मुताबिक उनकी पुत्री एलएलएम कर रही है और वह स्‍वामी चिन्‍मयानंद के प्रबंधन वाले विधि महाविद्यालय के छात्रावास में रहती थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि 23 अगस्त से लड़की का मोबाइल बंद है और उसका फेसबुक वीडियो देखा जिसमें स्वामी चिन्मयानंद व कुछ अन्य लोगों द्वारा उसका व अन्य लड़कियों का शारीरिक शोषण व दुष्कर्म तथा जान से मारने की धमकी दी थी।

पिता ने आशंका जताते हुए कहा था, ''मुझे पूरा विश्वास है कि मेरी पुत्री के साथ कोई अप्रिय घटना करके कहीं गायब कर दिया गया है और जब मैंने स्वामी जी से मोबाइल पर सम्पर्क किया तो सीधे मुंह बात नहीं करके मोबाइल बंद कर लिया।'' पिता का आरोप था कि उनकी पुत्री के कमरे में ताला बंद है। फेसबु‍क वीडियो के मुताबिक उसमें साक्ष्य व सबूत होने की बात कही गई है। उनका आरोप था कि अभियुक्तगण राजनीतिक व सत्ता पक्ष के दंबग तथा गुंडा किस्म के लोग हैं और साक्ष्य से छेड़छाड़ कर सकते हैं, लिहाजा उसका कमरा व वीडियो मीडिया के सामने सील किया जाए।

पुलिस ने 20 सितंबर, 2019 को इस मामले में चिन्मयानंद को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा था। इस मामले में चिन्मयानंद के खिलाफ भारतीय दंड विधान की दुष्कर्म और धमकी समेत कई सुसंगत धाराओं के तहत दर्ज मामले में चार नवंबर, 2019 को आरोप पत्र दाखिल किया गया था। दूसरी तरफ 25 अगस्त, 2019 को रंगदारी मामले की प्राथमिकी एडवोकेट ओम सिंह ने थाना कोतवाली, जिला शाहजहांपुर में दर्ज कराई थी, जिसके मुताबिक किसी अज्ञात व्यक्ति ने मोबाइल से पांच करोड़ रुपये रंगदारी की मांग स्‍वामी चिन्‍मयानंद से की थी। आरोप के मुताबिक यह धमकी दी गई थी कि यदि रुपयों का इंतजाम नहीं किया तो समाज में बदनाम कर दूंगा। यह भी धमकी दी गई कि मेरे पास एक वीडियो है जिसे वायरल कर दूंगा।

वादी एडवोकेट ने तहरीर में कहा कि मुझे आशंका है कि एक साजिश के तहत कुछ लोगों द्वारा धन उगाही व चरित्र हनन का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही डर का माहौल पैदा कर शिक्षण संस्थान को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। चार नवंबर, 2019 को इस मामले में अन्तःवासी छात्रा व अन्य अभियुक्तों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की सुसंगत धाराओं के तहत दर्ज मामले में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। छह नवंबर, 2019 को अदालत ने इस आरोप पत्र का संज्ञान लिया था। एमपी/एमएलए अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई के बाद दोनों पक्षों को बरी कर दिया।

उल्लेखनीय है कि चिन्मयानंद पर दुष्कर्म के आरोप का मामला तब सामने आया जब 24 अगस्त को पीड़ित छात्रा ने एक वीडियो के जरिए चिन्मयानंद पर आरोप लगाए थे। स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय में पढ़ने वाली एलएलएम की छात्रा ने वीडियो वायरल कर स्वामी चिन्मयानंद पर शारीरिक शोषण और कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद करने के आरोप लगाए और उसे व उसके परिवार को जान का खतरा बताया था। वीडियो वायरल होने के बाद छात्रा लापता हो गई थी। इसके बाद पीड़िता के पिता ने कोतवाली शाहजहांपुर में अपहरण और जान से मारने की धाराओं में स्वामी चिन्मयानंद के विरुद्ध मामला दर्ज करवा दिया था। दूसरी तरफ चिन्मयानंद के अधिवक्ता ओम सिंह ने पांच करोड़ रुपये रंगदारी मांगने का भी मुकदमा दर्ज कराया था।  

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