Saturday, April 27, 2024
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वाराणसी पहुंचे, बाढ़ राहत कार्यों का जायजा लिया

राज्य में प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिसके चलते 24 जिलों के करीब 605 गांवों को बाढ़ प्रभावित घोषित कर दिया गया है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: August 12, 2021 22:01 IST
UP Flood: 22 Districts Reeling Under Flood, CM Yogi Adityanath reviews flood situation in Varanasi- India TV Hindi
Image Source : PTI योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी में बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में पीड़ितों को उपलब्ध कराये जा रहे राहत कार्यों का जायजा लिया।

वाराणसी: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को एक दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे और बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में पीड़ितों को उपलब्ध कराये जा रहे राहत कार्यों का जायजा लिया। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने राजघाट से एनडीआरएफ के मोटर बोट से पुराना पुल तक का दौरा कर गंगा एवं वरुणा के बढ़े जल स्तर को देखा। इसके बाद उन्होंने सरैया स्थित आलिया गार्डन में बनाए गए राहत केंद्र में रह रहे बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात कर उनका कुशलक्षेम जाना तथा कहा कि चिंता की कोई बात नही, आपदा की इस घड़ी में सरकार उनके साथ खड़ी है। उन्होंने मौके पर अधिकारियों से राहत कार्यों के बारे में जानकारी ली और कहा कि बाढ़ पीड़ितों की मदद में कोई कोर कसर न छोड़ी जाए। अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित अन्य लोगों से भी मुलाकात की।

बता दें कि राज्य में प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिसके चलते 24 जिलों के करीब 605 गांवों को बाढ़ प्रभावित घोषित कर दिया गया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, राज्य के 24 जिलों में बाढ़ प्रभावित गांवों की संख्या 605 हो गई है। राहत आयुक्त रणवीर प्रसाद ने बताया कि बदायूं, प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर और बलिया जिलों में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। उन्होंने कहा कि औरैया, जालौन, हमीरपुर, बांदा और प्रयागराज जिलों में यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि बेतवा नदी हमीरपुर में उफान पर है।

उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी में शारदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और इसी तरह गोंडा में कुवानो और उत्तर प्रदेश-राजस्थान सीमा पर चंबल में बह रही है। हमीरपुर जिले में 75, बांदा में 71, इटावा और जालौन में 67-67, वाराणसी में 42, कौशांबी में 38, चंदौली और गाजीपुर में 37-37, औरैया में 25, कानपुर देहात और प्रयागराज में 24-24, फरु खाबाद में 23, आगरा में 20 और बलिया जिले में 17 गांव बाढ़ की चपेट में हैं।

प्रसाद ने कहा कि मिर्जापुर, गोरखपुर, सीतापुर, मऊ, लखीमपुर खीरी, शाहजहांपुर, बहराइच, गोंडा और कानपुर जिलों के गांवों में भी बाढ़ आई है। राहत आयुक्त ने कहा, "राज्य सरकार ने नौ जिलों में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की नौ टीमों, 11 जिलों में राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की 11 टीमों और 39 जिलों में प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) की 39 टीमों को राहत और बचाव अभियान के लिए तैनात किया गया है।"

उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने 536 लोगों को बचाया और 504 चिकित्सा टीमों को बाढ़ प्रभावित इलाकों में तैनात किया गया है। इसके अलावा, राज्य में 11,235 बाढ़ चौकियां और 940 बाढ़ आश्रय स्थल बनाए गए हैं और 1,463 नौकाओं को राहत एवं बचाव कार्यों में लगाया गया है। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के बीच भोजन के पैकेट और सूखा राशन वितरित किया जा रहा है।

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