नई दिल्ली: मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा संकलित किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 2013 से बीते 5 साल में IIT संस्थानों में खाली रहने वाली सीटों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है जबकि IIT-BHU में सबसे ज्यादा सीटें खाली हैं। वर्ष 2014 को छोड़ कर बीते 5 सालों में प्रमुख संस्थानों में खाली रहने वाली सीटों की संख्या में बढ़ोतरी की प्रवृति है। इस वजह से मंत्रालय को एक पैनल का गठन करना पड़ा जिसने मुद्दे से निपटने के लिए कई सिफारिशें की हैं। गत वर्ष गठित की गई समिति ने इस साल शुरू में अपनी रिपोर्ट जमा की।
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, सभी IIT में करीब 11,000 सीटें हैं जिनमें 2013 से 274 खाली पड़ी हैं, जिनमें 2013 में 15, 2014 में 5, 2015 में 39, 2016 में 96 और 2017 में 121 खाली सीटें शामिल हैं। जहां तक IIT-BHU का संबंध है तो 23 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में 2013 से सबसे ज्यादा सीटें यहीं खाली हैं। इसमें 2017 में 32, 2016 में 38, 2015 में 28, 2014 में 3 और 2013 में 4 सीटें खाली रही थीं। इंडियन स्कूल ऑफ माइंस (इसे2016 में IIT का दर्जा दिया गया था) में 2016 और 2017 में 23-23 रिक्तियां थीं।
IIT कानपुर और IIT हैदराबाद में 2013 से 2017 के बीच कोई सीट खाली नहीं रही जबकि IIT दिल्ली में 2013 से 2015 के बीच एक भी सीट रिक्त नहीं रही। वर्ष 2016 और 2017 में IIT दिल्ली में 2-2 सीटें खाली रही थी। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि IIT, NIT और केंद्र द्वारा वित्तपोषित अन्य प्रौद्योगिकी संस्थानों में सीटें खाली रहने की संख्या को न्यूनतम करने के लिए मानव संसाधन मंत्रालय ने एक समिति गठित की है ताकि वह उचित उपायों की सिफारिश कर सके।