Friday, March 29, 2024
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इस चमत्कारी धाम से मिला अंबानी को 'वरदान', दिया था बेटी की शादी का पहला न्योता

: बिजनेसमैन मुकेस अंबानी किसी भी शुभ काम करने से पहले राजस्थान के नाथद्वार जरुर जाते है। अंबानी के भगवान राजस्थान के नाथद्वारा में है श्रीनाथ जी का भव्य मंदिर श्रीनाथ भगवान में अंबानी परिवार की अटूट आस्था हर शुभ काम से पहले श्रीनाथ मंदिर के दर्शन करते हैं।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: December 14, 2018 23:29 IST
Nita Ambani- India TV Hindi
Nita Ambani

नई दिल्ली: बिजनेसमैन मुकेस अंबानी किसी भी शुभ काम करने से पहले राजस्थान के नाथद्वार जरुर जाते है। अंबानी के भगवान राजस्थान के नाथद्वारा में है श्रीनाथ जी का भव्य मंदिर श्रीनाथ भगवान में अंबानी परिवार की अटूट आस्था हर शुभ काम से पहले श्रीनाथ मंदिर के दर्शन करते हैं। यहां तक की बेटी की शादी का पहला न्योता श्रीनाथ जी को दिया। इतना ही नहीं उदयपुर में हुए प्री वेडिंग सेरेमनी की शुरुआत श्रीनाथ की प्रतिमा के सामने भजन पर नीता अंबानी ने नृत्य किया। इसके बाद उनकी आरती करने के बाद ही पार्टी की शुरुआत हुई। श्रीकृष्ण भगवान के बाल अवतार है श्रीनाथ जी है।

श्रीनाथ भगवान अपने चमत्कारों के कारण दुनियाभर में प्रसिद्ध है। इतिहास गवाह है। सबूत मौजूद है कि श्रीनाथ जी मंदिर आज भी चमत्कार होते हैं। चमत्कार के साक्षी बनने लाखों लोग श्रीनाथ मंदिर में आते हैं। ऐसी मान्यता है श्रीनाथ जी की भक्तों में इतनी शक्ति है कि हर मुराद पूरी हो जाती है। दिल्ली से करीब 600 किलोमीटर दूर राजस्थान के नाथद्वारा है। जहां पर भगवान श्रीनाथ जी का धाम है। (16 दिसंबर को सूर्य कर रहा है धनु राशि पर प्रवेश, इन राशियों के जीवन में आएगा बड़ा सकंट, ऐसे करें बचाव )

shrinathji temple

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दी जाती है 21 तोपों की सलामी

इस दिव्य धाम में सैकड़ों सालों से भगवान श्रीकृष्ण को 21 तोपों से सलामी दी जाती है, क्योंकि पूरे इलाके के राजा कोई और नहीं बल्कि नाथद्वारा के श्रीनाथ जी ही हैं। ये भगवान श्रीकृष्ण का इकलौता मंदिर है जहां प्रतिमा में जड़ित एक हीरे से होने वाले चमत्कार को दुनिया नमस्कार करती है। ये वही श्रीनाथ जी का धाम है। जहां चावल के दानों में भक्तों को ईश्वर दिव्य दर्शन देते हैं। कहते हैं कि श्रीनाथ जी की कृपा ऐसी है कि इस धाम में कदम रखने के बाद लोगों की जिंदगी से दुख और दर्द हमेशा के लिए दूर हो जाता है। तिजोरी में मंदिर से मिले चावल के दानों को रखने वाला कभी कंगाल नहीं होता। ये क्यों होता है, कैसे होता है। (Malmas 2018: 16 दिसंबर से शुरु हो रहे है खरमास, बिल्कुल भी न करें ये काम )

श्री कृष्ण साक्षात यहां पर है मौजूद
मान्यता है कि श्रीनाथ मंदिर में आज भी भगवान श्रीकृष्ण साक्षात मौजूद हैं। मंदिर के अंदर भगवान की कई लीला आज भी भक्तों की आंखों के सामने घटित होती है। कई लागों का दावा है कि एक बार भगवान की प्रतिमा में लगे हीरे को चुराने की कोशिश की गई, लेकिन चोर प्रतिमा से हीरे को निकाल नहीं सके। चोर हीरे को निकालते तो हीरा अपने आप दोबारा मूर्ति तक पहुंच जाता।

Mukesh ambani with family

Mukesh ambani with family

हीरे के पीछे का है ये राज, चली गई थी नादिर शाह के आंखो की रोशनी
दरअसल श्रीनाथ मंदिर जितना पुराना है, उससे जुड़े चमत्कारों की जड़े यहां उतनी ही गहरी है। ऐसी मान्यता है कि इस धाम में श्रीकृष्ण की दिव्य प्रतिमा के दर्शन से ही सारी मुसीबतें चुटकी बजाते दूर हो जाती है, तो क्या ये हकीकत है कि इस धाम में कदम रखते ही भक्तों की किस्मत चमत्कारी तरीके से बदल जाती है।  

श्रीनाथ जी मंदिर की प्रतिमा में लगे एक हीरे से जुड़ी है चौंकाने वाली सच्चाई! दरअसल श्रीनाथ जी की प्रतिमा में एक हीरा लगा हुआ है और इस हीरे से जुड़ी हुई है कलयुग में भगवान कृष्ण के साक्षात चमत्कार का सबसे बड़ा सबूत। कहते है 16 फरवरी 1739 में दिल्ली को लूटने के कुछ हफ्तों के बाद नादिर शाह ने नाथ द्वारा पर हमला किया। मकसद था श्रीनाथ जी का खजाना लूटना। मंदिर के खजाने को लूटने के लिए नादिर शाह इस धाम तक पहुंच गए, लेकिन इस धाम में कुछ ऐसा हुआ कि नादिर शाह के आंखों की रौशनी चली गई, वो मंदिर की नौ सीढ़िया नहीं चढ़ सका।

कहते है श्रीनाथ जी मंदिर का खजाना लूटने के लिए नादिर शाह पूरे दल बल के साथ पहुंचा था।लेकिन जैसे ही नादिर शाह ने मंदिर की सीढ़ियों को चढना शुरू किया.वहां बैठे एक फकीर ने नादिर शाह को रोक लिया।फकीर श्रीनाथ जी का अन्नय भक्त था। उसने नादिर शाह को चेतावनी दी कि अगर वो मंदिर के अंदर जाएंगा तो उसकी आखों की रौशनी चली जाएगी।नादिर शाह ने फकीर की बातों को अनसुना कर दिया...और जैसे ही श्रीनाथ जी की प्रतिमा के सामने पहुंचा, वो अंधा हो गया।

नादिर शाह ने किया था ये हीरा भेट़
मान्यता है कि श्रीनाथ जी की प्रतिमा में जड़ा ये वही हीरा है जिसे नादिर शाह ने दिया था। ये घटना श्रीनाथ जी के चमत्कार से जुड़ी हुई है।कहते है कि नादिर शाह की आंखों की रौशनी तभी लौटी थी जब उसने नौ सीढियों को अपनी दाढ़ी से साफ किया था।आज भी नाथद्वार में हर साल बादशाह की सवारी निकाली जाती है, जो श्रीनाथ मंदिर के चमत्कार की कहानी बया करने को काफी है।नाथद्वार के श्रीनाथ मंदिर से बाहर आने वाले ये दृश्य भी एक चमत्कार से जुडा हुआ है। हर साल श्रीनाथ मंदिर में अन्नकूट महोत्सव होता है। इस महोत्सव के दौरान लाखों लोग श्रीनाथ मंदिर से चमत्कारी प्रसाद लेने आते है।

यहां से मिला चावल भर देता है तिजोरी
खासतौर पर मंदिर के अंदर चावल बनाया जाता है और उस चावल को इस तरह भक्त अपने साथ ले जाते है। मान्यता है कि चावल के रूप में मिलवे वाले प्रसाद को लोग अपनी तिजोरियों में रखते है, क्योंकि श्रीनाथ भगवान का प्रसाद रखने से तिजोरी कभी खाली नहीं होती।

कौन है श्रीनाथ जी
श्रीनाथजी भगवान श्री कृष्ण के अवतार है और नाथद्वारा में 7 साल के बालक के अवतार में विराजमान है भगवान। मंदिर में भगवान श्री कृष्ण की काले रंग की संगेमरमर की मूर्ति है और भगवान की इस मूर्ति को सिर्फ एक ही पत्थर से बनाया गया है।इस मंदिर में भगवान श्री कृष्ण गोवर्धन पर्वत को अपने एक हाथों पर उठाये दिखाई देते है और दूसरे हाथ से भक्तों को आशीर्वाद दे रहे है।भगवान श्रीनाथजी वैष्णव संप्रदाय के प्रमुख देवता है जिसकी स्थापना वल्लभाचार्य ने की थी। वल्लभाचार्य ने ही भगवान को गोपाल नाम दिया था और जिस जगह पर भगवान की पूजा की जाती है आज उस जगह को सभी गोपालपुर कहते। श्रीनाथ मंदिर में करोड़ों लोगों की आस्था है और सालभर नाथद्वारा में श्रीनाथ के शहर में भक्तों की भीड़ मौजूद रहती है।

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