Saturday, April 20, 2024
Advertisement

Navratri 2021: अष्टमी और नवमी के दिन करें कन्या पूजन, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजन विधि

नवरात्र में कन्या पूजन का बहुत अधिक महत्व है। माना जाता है कि कन्याओं की पूजा करने के बाद ही व्रत पूर्ण होता है। जानिए कन्या पूजन का सही तरीका और मुहूर्त।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: October 13, 2021 12:13 IST
kanya pujan shubh muhurat puja vidhi- India TV Hindi
Image Source : INSTAGRAM/DURGAPUJARANCHI kanya pujan shubh muhurat puja vidhi

मां दुर्गा को समर्पित नौ दिनों का पावन पर्व नवरात्र नममी तिथि के साथ समाप्त हो जाता है। नवरात्र के दिनों में कन्या पूजन का अधिक महत्व है। कुछ लोग नवरात्र की अष्टमी तिथि को कन्या पूजन करते हैं तो कुछ लोग नवमी तिथि के दिन। अष्टमी और नवमी के दिन देवी मां की पूजा के साथ ही कुमारियों  को भोजन कराया जाता है। कई लोगों को अष्टमी और नवमी को लेकर कंफ्यूजन हैं। आपको बता दें कि इस बार नवरात्र 8 दिन के पड़े हैं, जिसके कारण अष्टमी 13 अक्टूबर और नवमी 14 अक्टूबर को पड़ रही हैं। 

स्कंदपुराण में कुमारियों के बारे में बताया गया है  कि 2 वर्ष की कन्या को कुमारिका कहते हैं, 3 वर्ष की कन्या को त्रिमूर्ति कहते हैं। इसी प्रकार क्रमश: कल्याणी, रोहिणी, काली, चंडिका, शांभवी, दुर्गा, सुभद्रा आदि वर्गीकरण भी किये गये हैं।

Vastu Tips: भगवान को भोग लगाने के तुरंत बाद करें ये काम, वरना पड़ेगा बुरा असर

अष्टमी कन्या पूजन का मुहूर्त

अमृत काल-  सुबह 3 बजकर 23 मिनट से 4 बजकर 56 मिनट तक 

दिन का चौघड़िया मुहूर्त 

लाभ –  सुबह 6 बजकर 26 मिनट से शाम 7 बजकर 53 मिनट तक।
अमृत – सुबह 7 बजकर 53 मिनट से रात 9 बजकर 20 मिनट तक
शुभ – सुबह 10 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 12 मिनट तक।
लाभ – सुबह 4 बजकर 23 मिनट से शाम 5 बजकर 59 मिनट तक।

Dussehra 2021: कब है दशहरा? जानें तिथि, महत्व और पूजा का शुभ मुहूर्त

नवमी के दिन कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त

नवमी तिथि 13 अक्टूबर रात 8 बजकर 8 मिनट से शुरू हो जाएगी जो 14 अक्टूबर शाम 6 बजकर 52 मिनट तक रहेगी। 

Kanya pujan shubh muhurat puja vidhi

Image Source : INSTA/MYMASALABOX/SUNITA.SKB/
Kanya pujan shubh muhurat puja vidhi

कन्या पूजन विधि

जिन कन्याओ को भोज पर खाने के लिए बुलाना है। उन्हें एक दिन पहले ही न्यौता दे दें। गृह प्रवेश पर कन्याओं का पूरे परिवार के सदस्य फूल वर्षा से स्वागत करें और नव दुर्गा के सभी नौ नामों के जयकारे लगाएं। अब इन कन्याओं को आरामदायक और स्वच्छ जगह बिठाकर इन सभी के पैरों को बारी- बारी दूध से भरे थाल या थाली में रखकर अपने हाथों से उनके पैर धोने चाहिए और पैर छूकर आशीष लेना चाहिए। अब उन्‍हें रोली, कुमकुम और अक्षत का टीका लगाएं। इसके बाद उनके हाथ में मौली बांधें। अब सभी कन्‍याओं और बालक को घी का दीपक दिखाकर उनकी आरती करें। हलवा, पूड़ी और चने का भोजन कराना चाहिए। भोजन कराने के बाद कुमारियों को कुछ न कुछ दक्षिणा देकर उनके पैर छूकर आशीर्वाद भी लेना चाहिए। इससे देवी मां बहुत प्रसन्न होती हैं और मन की मुरादें पूरी करती हैं ।

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Religion News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement