Thursday, March 28, 2024
Advertisement

Chaitra Navratri 2022: पहले दिन ऐसे करें मां शैलपुत्री की पूजा, धन-धान्य, ऐश्वर्य और सौभाग्य में वृद्धि की होगी प्राप्ति

मां शैलपुत्री के दो हाथों में से दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का फूल सुशोभित है।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: April 01, 2022 13:50 IST
maa shailputri- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV maa shailputri

Highlights

  • माता का वाहन बैल होने के कारण इन्हें वृषारूढ़ा भी कहा जाता है
  • मां शैलपुत्री के दो हाथों में से दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का फूल सुशोभित है

कल नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के पहले स्वरूप माता शैलपुत्री की उपासना की जाती है। मार्केण्डय पुराण के अनुसार पर्वतराज, यानि शैलराज हिमालय की पुत्री होने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा। साथ ही माता का वाहन बैल होने के कारण इन्हें वृषारूढ़ा भी कहा जाता है। आपको बता दें कि मां शैलपुत्री के दो हाथों में से दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का फूल सुशोभित है।

कैसे पड़ा शैलपुत्री नाम-

पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण माता का नाम शैलपुत्री पड़ा। माता शैलपुत्री का जन्म शैल या पत्थर से हुआ। इसलिए इनकी पूजा से जीवन में स्थिरता आती है। उपनिषदों में मां को हेमवती भी कहा गया है।

Chaitra Amavasya 2022: धन्य-धान्य में वृद्धि से लेकर बिजनेस में उन्नति तक के लिए आज के दिन करें ये उपाय

कलश स्थापना मुहूर्त -
02 अप्रैल को प्रात: 06:10 बजे से प्रात: 08:31 बजे तक
दोपहर में 12:00 बजे से 12:50 बजे तक

ऐसे करें पहले दिन मां शैलपुत्री की उपासना-

कल नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की उपासना की जाएगी। कल के दिन मां शैलपुत्री की उपासना करने से व्यक्ति को धन-धान्य, ऐश्वर्य, सौभाग्य तथा आरोग्य की प्राप्ति होती है। 
सबसे पहले चौकी पर माता शैलपुत्री की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। इसके बाद गंगा जल या गोमूत्र से शुद्धिकरण करें। चौकी पर चांदी, तांबे या मिट्टी के घड़े में जल भरकर उस पर नारियल रखकर कलश स्थापना करें। इसके ऊपर आम के पत्ते रखकर पराई रखें। इसके बाद इसके ऊपर  नारियल रखें। फिर अखंड ज्योति जला लें।  उसी चौकी पर श्रीगणेश, वरुण, नवग्रह, षोडश मातृका (16 देवी), सप्त घृत मातृका (सात सिंदूर की बिंदी लगाएं) की स्थापना भी करें।

वास्तु टिप्स: नवरात्रि के पहले दिन करें ये काम, सालभर बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा

इसके बाद व्रत, पूजन का संकल्प लें और वैदिक एवं सप्तशती मंत्रों द्वारा मां शैलपुत्री सहित समस्त स्थापित देवताओं की षोडशोपचार पूजा करें। इसमें आवाहन, आसन, पाद्य, अध्र्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, सौभाग्य सूत्र, चंदन, रोली, हल्दी, सिंदूर, दुर्वा, बिल्वपत्र, आभूषण, पुष्प-हार, सुगंधित द्रव्य, धूप-दीप, नैवेद्य, फल, पान, दक्षिणा, आरती, प्रदक्षिणा, मंत्र पुष्पांजलि आदि करें। तत्पश्चात प्रसाद वितरण कर पूजन संपन्न करें।

कल के दिन इन सब चीज़ों का लाभ उठाने के लिये देवी मां के इस मंत्र से उनकी उपासना करनी चाहिए-

मंत्र है- ‘ऊं ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नम:।’ 

मंत्र जाप के साथ ही शास्त्रों में बताया गया है कि नवरात्र के पहले दिन देवी के शरीर में लेपन के तौर पर लगाने के लिए चंदन और केश धोने के लिए त्रिफला चढ़ाना चाहिए । त्रिफला में आंवला, हर्रड़ और बहेड़ा डाला जाता है। इससे देवी मां प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों पर अपनी कृपा बनाये रखती हैं।

इस दिशा में मुंह करके करें देवी की उपासना-
देवी मां की उपासना करते समय अपना मुंह घर की पूर्व या उत्तर दिशा की ओर करके रखना चाहिए।

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Religion News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement