Thursday, May 02, 2024
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Maharashtra Political Crisis: बागी विधायकों को लेकर आदित्य ठाकरे का बड़ा दावा, कहा विधायकों को जबरदस्ती ले जाया गया, वो सब उनके साथ

Maharashtra Political Crisis: आदित्य ने दावा किया कि, "विधायक वहां जबरदस्ती ले जाये गए हैं, उनपर हर रोज लाखों रुपए खर्च किये जा रहे हैं। एक तरफ असम में लाखों लोग बाढ़ से परेशान है, उन्हें उनके हाल पर ही छोड़ दिया गया है। वहीं दूसरी तरफ उसी असम में लाखों रुपए खर्च किये जा रहे हैं।

Sudhanshu Gaur Written by: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Published on: June 26, 2022 8:27 IST
Uddhav Thackeray and Aaditya Thackeray- India TV Hindi
Image Source : PTI/FILE Uddhav Thackeray and Aaditya Thackeray

Highlights

  • विधायकों को पहले सूरत और बाद में गुहावटी जबरन ले जाया गया
  • कोविड के दौरान उनकी सरकार ने किया था जबरदस्त काम
  • इस लड़ाई को हम लड़ेंगे और जीतेंगे - आदित्य ठाकरे

Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक गतिरोध और भी गहराता जा रहा है। राजनीति का यह ऊंट किस करवट बैठेगा, कोई नहीं जानता। दोनों पक्ष अपने-अपने दावे कर रहा है। एकनाथ शिंदे अपने साथ शिवसेना के 40 से ज्यादा विधायक होने का दावा कर रहा है तो वहीं महाविकास अघाड़ी सरकार के अपने ही दावे हैं। दोनों पक्ष अपनी-अपनी चाल चल रहे हैं लेकिन कोई खुलकर अपने दांव-पेंच नहीं दिखा रहा है। 

जो गए वो अच्छे के लिए गए - आदित्य 

इन सबके बीच अभी तक आदित्य ठाकरे मौन थे लेकिन शनिवार एक बैठक के दौरान वे बोले। उन्होंने बागी हुए विधायकों पर हमला बोलते हुए कहा कि, महाराष्ट्र में जो पिछले 2-4 दिनों से हो रहा है उसे देखकर तो ऐसा ही लगता है कि जो लोग चले गए, अच्छे के लिए चले गए। कोविड के समय सारे देश ने देखा कि कैसे एक व्यक्ति ने पूरे महाराष्ट्र को संभाला और इन सबके बीच उसने अपना सरकारी घर भी छोड़ दिया।"

उन्होंने कहा कि, उसने कई लोगों ने कहा कि कई आये और चले गए लेकिन मौजूदा मुख्यमंत्री जैसा कोई नहीं था। बागी विधायकों पर हमलावर होते हुए उन्होंने कहा कि, "वे सूरत और गुहावटी क्यों गए, पार्टी तोड़ने के लिए? वहां कई ऐसे विधायक भी हैं जिन्हें वहां जबरदस्ती रखा गया है। 10-15 विधायक हमारे संपर्क में हैं जो इस बात की पुष्टि कर सकते हैं।"     

असम के लोग बाढ़ से परेशान लेकिन विधायकों पर लाखों खर्च 

आदित्य ने दावा किया कि, "विधायक वहां जबरदस्ती ले जाये गए हैं, उनपर हर रोज लाखों रुपए खर्च किये जा रहे हैं। एक तरफ असम में लाखों लोग बाढ़ से परेशान है, उन्हें उनके हाल पर ही छोड़ दिया गया है। वहीं दूसरी तरफ उसी असम में लाखों रुपए खर्च किये जा रहे हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है जब विपक्ष सत्ताधारी दल के किसी गुट का समर्थन कर रहा है।

हम फिर से लड़ने को तैयार हैं, आपको शिवसेना के बगैर लड़ना है तो लड़िए लेकिन हम अब किसी भी कीमत पर देशद्रोहियों को जीतने नहीं देंगे। इस घटना के बाद, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सीएम (उद्धव ठाकरे) को फोन किया और उनके साथ इस लड़ाई में अपना समर्थन दिया है।

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