Thursday, March 28, 2024
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शिंदे गुट की अयोग्यता का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर पर छोड़ा, CJI बोले- उद्धव इस्तीफा नहीं देते तो बना देते सीएम

महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत उनके 15 विधायकों की अयोग्यता को लेकर आज सुप्रीम फैसला आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे गुट को ना तो झटका दिया है और ना ही फायदा। कोर्ट ने कहा कि शिंदे गुट के गोगवले को चीफ व्हिप नहीं बनाना असंवैधानिक था।

Reported By : Sachin Chaudhary Edited By : Swayam Prakash Updated on: May 11, 2023 12:56 IST
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिं- India TV Hindi
Image Source : FILE महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिं

महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत उनके 15 विधायकों की अयोग्यता को लेकर आज सुप्रीम फैसला आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे गुट को ना तो झटका दिया है और ना ही फायदा। कोर्ट ने कहा कि शिंदे गुट के गोगवले को चीफ व्हिप नहीं बनाना असंवैधानिक था। कोर्ट ने साफ-साफ कहा कि खुद को असली पार्टी कहकर अयोग्ता से नहीं बच सकते। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि स्पीकर को राजनीतिक दल द्वारा नियुक्त व्हिप को ही मान्यता देनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि 16 विधायकों की अयोग्यता पर स्पीकर फैसला लें। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का शिंदे सरकार पर कोई असर नहीं होगा।

गोगावाले को नियुक्त करने का फैसला असंवैधानिक

सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा शिंदे के बयान का संज्ञान लेने पर स्पीकर ने व्हिप कौन था इसकी पहचान करने का उपक्रम नहीं किया और उन्हें जांच करनी चाहिए थी। गोगावाले को मुख्य सचेतक नियुक्त करने का निर्णय असंवैधानिक था क्योंकि व्हिप केवल विधायी राजनीतिक दल द्वारा नियुक्त किया जा सकता है। 

पार्टी में चल रहे मतभेद में गवर्नर नहीं कर सकते हस्तक्षेप 
चीफ जस्टिस ने कहा कि किसी पार्टी में चल रहे मतभेद के आधार पर गवर्नर फ़ैसला नहीं ले सकते। गवर्नर उस मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकते। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आंतरिक पार्टी के विवादों को हल करने के लिए फ्लोर टेस्ट का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। न तो संविधान और न ही कानून राज्यपाल को राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश करने और अंतर-पार्टी या अंतर-पार्टी विवादों में भूमिका निभाने का अधिकार देता है। 

उद्धव ठाकरे को नहीं कर सकते बहाल
अदालत ने कहा कि राज्यपाल के पास ऐसा कोई संचार नहीं था जिससे यह संकेत मिले कि असंतुष्ट विधायक सरकार से समर्थन वापस लेना चाहते हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव ठाकरे को राहत देने से इनकार कर दिया क्योंकि उन्होंने फ्लोर टेस्ट का सामना ही नहीं किया। सुप्रीम कोर्ट ने माना कि महाराष्ट्र के राज्यपाल का निर्णय भारत के संविधान के अनुसार नहीं था। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि स्पीकर को अयोग्यता याचिकाओं पर उचित समय के भीतर फैसला करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि यथास्थिति बहाल नहीं की जा सकती क्योंकि उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट का सामना नहीं किया और अपना इस्तीफा दे दिया। सीजेआई ने कहा उद्धव ने अगर इस्तीफा नहीं दिया होता तो उन्हें बहाल कर देते।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री समेत इन 15 विधायकों पर लटक रही तलवार- 

  1. एकनाथ शिंदे
  2. दीपक केसरकर
  3. महेश शिंदे
  4. चिमनराव पाटिल
  5. अनिल बाबर
  6. संजय रायमुलकर
  7. प्रकाश सुर्वे
  8. लता सोनवणे 
  9. रमेश बोरणारे
  10. बालाजी कल्याणकर
  11. संजय शिरसाठ
  12. संदीपान भूमरे
  13. अब्दुल सत्तार
  14. तानाजी सावंत
  15. भारत गोगावाले
  16. यामिनी जाधव

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