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EV Industry में अब दोगुनी रफ्तार से आएगी क्रांति, कश्मीर के बाद अब राजस्थान के इस जिले में मिला लिथियम का दूसरा भंडार

EV industry Revolution: आने वाला भविष्य और वर्तमान को जो एक चीज एनर्जी दे रही है वो है लिथियम। फिलहाल इस लिथियम पर ऑस्ट्रेलिया और चीन की बादशाहत है। इन दोनों देशों को पास कई लाख टन का लिथियम के रिजर्व हैं। अब भारत इसमें नया लीडर बनने जा रहा है।

Reported By : Nirnaya Kapoor Edited By : Vikash Tiwary Published : May 08, 2023 08:39 pm IST, Updated : May 08, 2023 09:13 pm IST
Second Lithium Reserve Found Rajasthan- India TV Paisa
Photo:INDIA TV Second Lithium Reserve Found Rajasthan

Second Lithium Reserve Found Rajasthan: राजस्थान के नागौर जिले में स्थित डेगाना नगर पालिका में लिथियम के बड़े भंडार की खोज की गई है, इसके बारे में दावा किया जा रहा है कि लिथियम की क्षमता हाल ही में जम्मू और कश्मीर में पाए गए 5.9 मिलियन टन धातु से कहीं अधिक है। भारत वर्तमान में अपनी लिथियम जरूरतों के लिए विदेशी आयात पर निर्भर है। 2020 से 2021 में भारत ने 6,000 करोड़ रुपये के लिथियम का आयात किया था। लिथियम का उपयोग स्मार्टफोन, लैपटॉप और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रिचार्जेबल बैटरी बनाने के लिए किया जाता है। 2030 तक भारत की सड़कों पर 13.92 लाख ईवी होने की उम्मीद है। भारत में लिथियम भंडार की खोज मौजूदा खनन के विकल्प के रूप में अच्छी खबर है। लिथियम-आयन बैटरी को असीमित रूप से रीसायकल किया जा सकता है और नए बैटरी पैक में डाला जा सकता है।

लिथियम बेहद जरूरी धातु

वैश्विक पारिस्थितिकी तंत्र से 2027-28 तक 3,000 GWH तक बैटरी बनाने की उम्मीद है। जम्मू और कश्मीर में नए लिथियम भंडार की खोज के कारण भारत एक महत्वपूर्ण ग्लोबल सप्लाई चेन स्टेकहोल्डर बन सकता है, जो कि अन्य जगहों की तुलना में बेहतर गुणवत्ता वाला होने का अनुमान है। इसकी पैदावार दो गुना अधिक है। इससे आने वाले समय में बेहतर लाभ देखने को मिलेगा। दरअसल, लिथियम एक ऐसी 'अलौह' धातु है जो किसी भी बैटरी में एक अहम घटकों में से एक है। इससे पहले, खान मंत्रालय ने कहा था कि उभरती तकनीकों के लिए महत्वपूर्ण खनिज सप्लाई चेन को मजबूत करने के लिए सरकार ऑस्ट्रेलिया और अर्जेंटीना से लिथियम सहित खनिजों को सुरक्षित करने के लिए कई सक्रिय उपाय कर रही है। वर्तमान में, भारत लिथियम (lithium), निकल (nickel) और कोबाल्ट (cobalt) जैसे कई खनिजों के लिए आयात पर निर्भर है।

फोन से लेकर सोलर पैनल तक लिथियम की जरूरत

केंद्रीय भूवैज्ञानिक प्रोग्रामिंग बोर्ड की 62वीं बैठक में खनन सचिव विवेक भारद्वाज ने कहा कि चाहे वह मोबाइल फोन हो या सोलर पैनल, हर जगह महत्वपूर्ण खनिजों की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर बनने के लिए देश के लिए महत्वपूर्ण खनिजों का पता लगाना और उन्हें संसाधित करना बहुत जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सोने का आयात कम किया जाता है, तो "हम आत्मनिर्भर बन जाएंगे।"

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