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दो साल में 1,000 स्‍टार्टअप्‍स हुए भारत में बंद, फंड जुटाने में रहे असफल

भारत में एंट्रप्रेन्‍योरशिप के बारे में एक कठोर सत्‍य सामने आया है। पिछले दो सालों में 40 फीसदी से ज्‍यादा स्‍टार्टअप्‍स अपनी दुकानें बंद कर चुके हैं।

Abhishek Shrivastava Abhishek Shrivastava
Updated on: July 24, 2016 10:07 IST
Lack Of Funding: दो साल में 1,000 स्‍टार्टअप्‍स हुए भारत में बंद, फंड जुटाने में रहे असफल- India TV Paisa
Lack Of Funding: दो साल में 1,000 स्‍टार्टअप्‍स हुए भारत में बंद, फंड जुटाने में रहे असफल

नई दिल्‍ली। भारत में एंट्रप्रेन्‍योरशिप के बारे में एक कठोर सत्‍य सामने आया है। पिछले दो सालों में 40 फीसदी से ज्‍यादा स्‍टार्टअप्‍स अपनी दुकानें बंद कर चुके हैं। जून 2014 में 2,281 भारतीय स्‍टार्टअप्‍स ने अपना ऑपरेशन शुरू किया था। यह स्‍टार्टअप्‍स ई-कॉमर्स, हेल्‍थ टेक्‍नोलॉजी, रोबोटिक्‍स, लॉजिस्टिक, बिजनेस इंटेलीजेंस और एनालिटिक्‍स, फूड टेक्‍नोलॉजी और ऑनलाइन रिक्रूटमेंट जैसे सेक्‍टर्स में कार्यरत थे। दिल्‍ली बेस्‍ड रिसर्च फर्म Xeler8 के विश्‍लेषण के मुताबिक इनमें से 997 स्‍टार्टअप्‍स फेल हो चुके हैं।

Xeler8 के फाउंडर रिशभ लवानिया का कहना है कि इसके पीछे मुख्‍य वजह फंडिंग की कमी होना है। जिस स्‍टार्टअप्‍स को इन्‍वेस्‍टमेंट मिला वह थोड़ा लंबे समय तक चला। शेष सभी के लिए अंतिम पड़ाव जल्‍दी आ गया और वे अपनी लॉन्चिंग के 12 महीने के भीतर ही बंद हो गए।

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सबसे ज्‍यादा स्‍टार्टअप्‍स लॉजिस्टिक, ई-कॉमर्स और फूड टेक्‍नोलॉजी जैसे सेक्‍टर में बंद हुए हैं। वहीं दूसरी ओर यह देखने वाली बात है कि भारत के सबसे ज्‍यादा सफल स्‍टार्टअप भी इन्‍हीं सेक्‍टर से संबंधित हैं। इन्‍नोवेशन की कमी और ज्‍यादा संख्‍या में एक जैसे स्‍टार्टअप्‍स की वजह ने भी इनके बंद होने की संभावना को बल दिया।

ऑनलाइन लाइफस्‍टाइल स्‍टोर Fashionara और फैशन मार्केटप्‍लेस DoneByNone बंद हो गए। फूड टेक स्‍पेस में Dazo, Spoonjoy और Eatlo भी विफल रहे। अन्‍य प्रमुख विफल स्‍टार्टअप्‍स में रिक्रूटमेंट मार्केटप्‍लेस TalentPad.com, लीजर एक्‍टीविटी के लिए मार्केटप्‍लेस Tushky और ऑन-डिमांड लाउंड्री सर्विसेस Tooler शामिल हैं।

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इस विफलता के बावजूद कुछ एंट्रप्रेन्‍योर्स के लिए रास्‍ता आगे बंद नहीं हुआ है। हालांकि फेल हुए स्‍टार्टअप्‍स के तकरीबन 75 फीसदी फाउंडर्स ने दोबारा कोशिश नहीं की और इसके बदले उन्‍होंने दूसरी कंपनी या स्‍टार्टअप्‍स में जॉब ढूढ़ना शुरू कर दिया। बाकी 25 फीसदी लोग दोबारा इसको शुरू करने की कोशिशों में जुटे हैं। अभी उनके पास ऐसा करने के लिए काफी समय है, क्‍योंकि इन फेल रहे स्‍टार्टअप्‍स के फाउंडर्स की औसत आयु केवल 27 वर्ष है।

Source: Quartz

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