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डिजिटल मीडिया और OTT प्लेटफॉर्म पर लागू होगी सेंसरशिप, सरकार ने की I&B मंत्रालय के दायरे में लाने की घोषणा

नेटफ्लिक्स या अमेजन जैसे ओटीटी (ओवर दि टॉप) स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म अब सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने की निगरानी में काम करेंगे।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: November 11, 2020 13:10 IST
डिजिटल मीडिया और OTT प्लेटफॉर्म पर लागू होगी सेंसरशिप, सरकार ने की I&B मंत्रालय के दायरे में लाने की- India TV Paisa

डिजिटल मीडिया और OTT प्लेटफॉर्म पर लागू होगी सेंसरशिप, सरकार ने की I&B मंत्रालय के दायरे में लाने की घोषणा 

नई दिल्‍ली। केंद्र सरकार ने डिजिटल प्‍लेटफॉर्म और नेटफ्लिक्‍स व अमेजन प्राइम वीडियो जैसे ओटीटी प्‍लेटफॉर्म के साथ ही साथ ऑनलाइन न्‍यूज और करेंट अफेयर्स को नियमित करने की घोषणा की है। सरकार ने नियमों में संशोधन कर डिजिटल मीडिया को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन लाने की अधिसूचना जारी की है। नेटफ्लिक्स या अमेजन जैसे ओटीटी (ओवर दि टॉप) स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म अब सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने की निगरानी में काम करेंगे। ओटीटी प्लेटफॉर्म पर दिखाए जा रहे डिजिटल ऑडियो विजुअल कंटेंट और वेब शो को अब सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के दायरे में आ गए हैं। इसके साथ ही ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के न्यूज और करेंट अफेयर्स भी अब सरकार के नियंत्रण में होगा। सरकार ने बुधवार को इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की है।

आम लोगों के लिए इस बदलाव के मायने ये हैं कि अब नेटफ्लिक्स जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म पर सेंसर लागू होगा। इस साल सितंबर में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया की तरफ से जारी सेल्फ रेगुलेशन कोड को सपोर्ट करने से इनकार कर दिया था। करीब 15 वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स अभी देश में काम कर रहे हैं। इन ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने इस महीने की शुरुआत में आईएएमएआई के तहत  सेल्फ रेगुलेशन कोड पर साइन किया था।

डिजिटल मीडिया और OTT प्लेटफॉर्म पर लागू होगी सेंसरशिप, सरकार ने की I&B मंत्रालय के दायरे में लाने की

Image Source : TWITTER
डिजिटल मीडिया और OTT प्लेटफॉर्म पर लागू होगी सेंसरशिप, सरकार ने की I&B मंत्रालय के दायरे में लाने की घोषणा 

सेंसरशिप या सरकारी दखल के बजाये ओटीटी कंपनियों ने सरकार के कहने पर एक फ्रेमवर्क बनाया था ताकि सही कंटेंट ही दर्शकों तक पहुंचे। इस कोड में दर्शकों की शिकायतों के निपटारे का भी व्‍यवस्‍था की गई है। इसके लिए कंज्यूमर कंप्लेन डिपार्टमेंट या एडवाइजरी पैनल बनाने की बात कही गई थी। इस पैनल के सदस्यों में बच्चों के अधिकारों, जेंडर इक्वालिटी के लिए काम करने वाले इंडिपेंडेंट लोग शामिल हो सकते हैं।

इसमें जो ओटीटी प्लेटफॉर्म में नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम वीडियो, डिज्नी प्‍लस हॉटस्टार, एएलटी बालाजी, जी5, अरे, डिस्कवरी प्‍लस, इरोज नाउ, फ्लिकस्ट्री, होईचोई, हंगामा, एमएक्‍स प्लेयर, शेमारू, वूट, जियो सिनेमा, सोनी लिव और लॉइनगेट प्‍ले शामिल हैं।

मंत्रालय ने कहा था कि इंडस्ट्री ने जो सेल्फ रेगुलेटरी मैकेनिज्म बनाया है उसमें प्रोहिबिटेड कंटेंट का कोई वर्गीकरण नहीं किया गया है। मिनिस्ट्री ने कहा कि आईएएमएआई ने पहले दो लेयर वाले स्ट्रक्चर की सिफारिश की थी। लेकिन मिनिस्ट्री को यह पसंद नहीं आया। इसके बाद आज सरकार ने गैजेट जारी करके इन्हें अपने दायरे में ले लिया है।

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