नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने भारत में बने वेंटिलेटर के निर्यात को अनुमति दे दी है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के निर्यात से जुड़ा प्रस्ताव मिलने के बाद ग्रुप ऑफ मिनिस्टर ने पहली अगस्त को इसपर सहमति देने का फैसला लिया, जिसके बाद डॉयरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (डीजीएफटी) ने इस बारे में नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
मंत्रालय के मुताबिक भारत में कोरोना की वजह से मृत्युदर में लगातार गिरावट का रुझान दिखने के बाद इस बारे में फैसला लिया गया। मंत्रालय ने जानकारी दी है कि देश में फिलहाल कोरोना से मृत्युदर 2.15 फीसदी के स्तर पर है जो कि दुनिया भर के देशों की मृत्यु दर के मुकाबले निचले स्तरों पर है। मंत्रालय के द्वारा 31 जुलाई को जारी आंकड़ों के मुताबिक कोरोना के 10 हजार एक्टिव मरीजों में से सिर्फ 22 को वेंटीलेटर की जरूरत पड़ी है। इसके साथ ही मंत्रालय ने कहा कि घरेलू निर्मातियों के उत्पादन में इस दौरान तेजी देखने तो मिली है। जनवरी 2010 के मुकाबले 20 से ज्यादा घरेलू कंपनियां वेटिलेटर का निर्माण कर रही हैं। देश के अपनी जरूरतों को पूरा करने के बाद भी निर्माता विदेशों को वेंटिलेटर भेज सकते हैं। मंत्रालय के मुताबिक इससे घरेलू निर्माताओं को अपने वेंटिलेटर के लिए विदेशों में नए मार्केट मिल सकेंगे।
महामारी बढ़ने के साथ ही भारत में 24 मार्च को जारी नोटिफिकेशन के साथ वेटिलेटर के निर्यात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था, जिससे कोरोना से निपटने के लिए जरूरी उपकरणों के देश में कमी न पड़े। अब 4 महीने से कुछ ज्यादा समय के बाद देश में उत्पादित वेंटिलेटर के निर्यात से रोक हटा दी गई है।