Friday, April 26, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. गृह मंत्रालय ने सुरक्षा का हवाला देते हुए GSTN से संबंधित सूचना देने से किया मना

गृह मंत्रालय ने सुरक्षा का हवाला देते हुए GSTN से संबंधित सूचना देने से किया मना

केंद्र ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क (GSTN) को दी गई सुरक्षा मंजूरी का ब्योरा साझा करने से इनकार कर दिया है।

Manish Mishra Manish Mishra
Updated on: March 26, 2017 18:12 IST
गृह मंत्रालय ने सुरक्षा का हवाला देते हुए GSTN से संबंधित सूचना देने से किया मना- India TV Paisa
गृह मंत्रालय ने सुरक्षा का हवाला देते हुए GSTN से संबंधित सूचना देने से किया मना

नई दिल्ली केंद्र ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क (GSTN) को दी गई सुरक्षा मंजूरी का ब्योरा साझा करने से इनकार कर दिया है। GSTN एक विशेष उद्देश्यीय इकाई है जिसका गठन GST के क्रियान्वयन के लिए सूचना प्रौद्योगिकी सेवा उपलब्ध कराने के लिए किया गया है।

यह भी पढ़ें :नोटबंदी के प्रभावों का ऑडिट करेगा कैग, नोटों की छपाई पर होने वाले खर्च की भी होगी जांच

सूचना के अधिकार कानून (RTI) के तहत, आवेदन देकर गृह मंत्रालय से GSTN को दी गई सुरक्षा मंजूरी के बारे में ब्योरा मांगा गया था। मंत्रालय ने RTI आवेदन के जवाब में कहा, आपको सूचित किया जाता है कि आपने सुरक्षा मंजूरी के संदर्भ में सूचना मांगी है जो राष्ट्रीय सुरक्षा मंजूरी से संबद्ध है। आरटीआई कानून, 2005 की धारा 8(1)(G) के तहत सुरक्षा से जुड़ी सूचना के खुलासे से छूट है। इसीलिए सूचना नहीं दी जा सकती।

यह भी पढ़ें : फोर्ड की कारें अप्रैल से दो प्रतिशत तक होंगी महंगी, चुकानी होगी 1.33 लाख रुपए तक अधिक कीमत

GSTN एक गैर-लाभकारी निजी लिमिटेड कंपनी है। इसमें 51 प्रतिशत हिस्सेदारी पांच निजी संस्थानों- एचडीएफसी बैंक लि. (10 प्रतिशत), एचडीएफसी लि. (10 प्रतिशत), आईसीआईसीआई बैंक (10 प्रतिशत), एनएसई स्ट्रैटजिक इनवेस्टमेंट कारपोरेशन लि. (10 प्रतिशत) और एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस (11 प्रतिशत) की है।

केंद्र सरकार की इसमें 24.9 प्रतिशत जबकि राज्य सरकारों एवं दो केंद्र शासित प्रदेशों, राज्य के वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समति की संयुक्त रूप से 24.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है। कुछ वरिष्ठ अधिकारियों तथा अप्रत्यक्ष कर कर्मचारी संगठनों ने जीएसटीन के प्रबंधन की बहुलांश हिस्सेदारी निजी इकाइयों के पास होने को लेकर चिंता जताई है।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement