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चीन की तर्ज पर चलेगा भारत, 100 करोड़ रुपए की इस योजना से बदलेगी किसानों की किस्‍मत

देश की राजधानी दिल्ली में पहली बार तीन दिवसीय भारतीय अंतरराष्ट्रीय सहकारिता व्यापार मेला (आईआईसीटीएफ) 2019 का आयोजन किया जा रहा है।

India TV Business Desk Written by: India TV Business Desk
Published on: October 11, 2019 9:29 IST
Yuva Sahakar-Cooperative Enterprise Support and Innovation Scheme 2019- India TV Paisa

Yuva Sahakar-Cooperative Enterprise Support and Innovation Scheme 2019

नयी दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में पहली बार तीन दिवसीय भारतीय अंतरराष्ट्रीय सहकारिता व्यापार मेला (आईआईसीटीएफ) 2019 का आयोजन किया जा रहा है। प्रगति मैदान में आयोजित होने वाला ये मेला 13 अक्टूबर तक चलेगा। यह मेला सरकार की 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने और कृषि निर्यात को बढ़ावा देने की नीति का हिस्सा है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर मेले का उद्घाटन करने के साथ ही युवा सहकार योजना का शुभारंभ करेंगे।

बता दें कि चीन की तर्ज पर किसान सहकारी को बढ़ावा देकर भारत के गांवों में अर्थक्रांति लाने के लिए मोदी सरकार 100 करोड़ रुपए के बजट के साथ युवा-सहकार नाम से एक नवाचारी योजना की शुरू करने जा रही है। खास बात ये है कि आज से ही चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी दो दिवसीय भारत दौरे पर हैं, जिसमें भारत और चीन के बीच कई अहम समझौते होने की उम्मीद लगाई जा रही है।

भारत सरकार की स्टार्टअप और स्टैंडअप इंडिया कार्यक्रमों की तरह युवाओं को ध्यान में रखकर राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) ने युवा सहकार सहकारी उद्यम सहायता व नवाचारी योजना-2019 की परिकल्पना की है। इस योजना का मकसद सहकारिता क्षेत्र को मजबूत बनाना है। इस योजना के तहत युवाओं को अपन उद्योग शुरू करने के लिए सरकार की ओर से बेहद कम ब्याद दर पर कर्ज दिया जाएगा।

इन सहकारी संस्थाओं को मिलेगी प्राथमिकता

मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, सरकार की इस योजना में देश के पूर्वोत्तर इलाके के सहकारी संस्थाओं के साथ-साथ नीति आयोग द्वारा चिन्हित आकांक्षी जिलों में पंजीकृत सहकारी और शतप्रतिशत महिला, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और शारीरिक रूप से अशक्त सदस्य वाले सहकारी को विशेष प्रमुखता दी जाएगी। 

चीन 2007 में लाया था राष्ट्रीय कानून

गौरतलब है कि चीन में 1990 के दशक के उत्तरार्ध में किसान सहकारी की तादाद में तेजी से वृद्धि हुई और 2007 में किसान पेशेवर सहकारी के लिए राष्ट्रीय कानून लाया गया था। जिससे किसान पेशेवर सहकारी की स्थापना और उसके प्रबंधन में सरकार की ओर से काफी मदद मिली और किसानों में उद्यमिता का विकास हुआ। फिलहाल, यह देखना अहम होगा कि भारत में इस योजना को कितनी सफलता मिलती है। 

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का कहना है कि हमारे 94 प्रतिशत किसान कम से कम एक सहकारिता संस्थान के सदस्य हैं। सहकारिता क्षेत्र में कृषि निर्यात को मौजूदा 30 अरब डॉलर से 2022 तक 60 अरब डॉलर तक पहुंचाने की क्षमता है। बता दें कि इस मेले में 35 देशों की करीब 150 सहकारी समितियां व 20 केंद्रीय व राज्य स्तरीय संगठन हिस्सा ले रहे हैं। इसमें अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और बांग्लादेश भी शामिल हैं। इस मेले का आयोजन राष्ट्रीय सहकारिता विकास निगम ने कृषि एवं वाणिज्य मंत्रालय के सहयोग से नाफेड और एपीडा जैसी एजेंसियों के साथ मिलकर किया है। तोमर ने कहा कि भारतीय अंतरराष्ट्रीय सहकारिता व्यापार मेले का आयोजन पहली बार हो रहा है। यह भारतीय सहकारी उत्पादों के निर्यात संवर्द्धन का एक प्रमुख मंच होगा। साथ ही यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का एक सहयोगी संगठन सहकार भारती सहकारी आंदोलन के फायदे से जनसमूह को रूबरू कराने के लिए मेले के उद्घाटन समारोह में सिप्लीदेसी ब्रांड प्रदर्शित करने जा रहा है। 

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