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इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट के साथ संपर्क करना हुआ आसान, अब ई-मेल के जरिये हो जाएंगे सारे काम

इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट के साथ संपर्क को आसान बनाने के लिए सरकार ने टैक्‍स पेयर्स को नोटिस का जवाब अपने रजिस्‍टर्ड ई-मेल के जरिये करने की अनुमति दे दी है।

Abhishek Shrivastava
Published : Feb 05, 2016 02:28 pm IST, Updated : Feb 05, 2016 02:37 pm IST
इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट के साथ संपर्क करना हुआ आसान, अब ई-मेल के जरिये हो जाएंगे सारे काम- India TV Paisa
इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट के साथ संपर्क करना हुआ आसान, अब ई-मेल के जरिये हो जाएंगे सारे काम

नई दिल्‍ली। इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट के साथ संपर्क को आसान बनाने के लिए सरकार ने टैक्‍स पेयर्स को नोटिस का जवाब अपने रजिस्‍टर्ड ई-मेल के जरिये करने की अनुमति दे दी है। इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट ने इलेक्ट्रॉनिक पत्राचार या ईमेल के इस्तेमाल के बारे में विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए हैं। इससे पेपरलेस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में भी काफी मदद मिलेगी।

दिशानिर्देशों के अनुसार इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट प्रमुख रूप से नोटिस या किसी प्रकार का अन्य ब्योरा इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट द्वारा उपलब्ध कराए गए ई-मेल पते या पिछले इनकम टैक्‍स रिटर्न में दर्ज पते पर भेजेगा। किसी कंपनी के मामले में कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध ई-मेल पते या कंपनी द्वारा उपलब्ध कराए गए ई-मेल पते को प्रमुख पता माना जाएगा। टैक्‍स पेयर्स ई-मेल जारी करने के लिए आकलन अधिकारी को कोई और ई-मेल पता भी दे सकते हैं। दिशानिर्देश में कहा गया है कि आकलन अधिकारी द्वारा किसी नोटिस का जवाब यदि आयकरदाता के प्राथमिक ई-मेल पते से आता है, तो इसे नोटिस का वैध जवाब माना जाएगा। पेपरलेस आकलन प्रक्रिया पर पायलट परियोजना के तहत ये दिशानिर्देश कुछ चुनिंदा गैर कॉरपोरेट आयकरदाताओं पर लागू होंगे।

इस कदम पर केपीएमजी के भागीदार (टैक्‍स) विकास वासल ने कहा कि सरकार ने पेपरलेस आकलन प्रक्रिया के संदर्भ में इलेक्ट्रॉनिक पत्राचार के इस्तेमाल में प्रक्रियागत पहलुओं को स्पष्ट किया है। उन्‍होंने कहा कि इस कदम का मकसद ज्यादातर पत्राचार इलेक्ट्रॉनिक तरीके से करना है। एक बार यह हो जाने पर इससे टैक्‍स पेयर्स और इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट दोनों का समय बचेगा। इसके अलावा इससे पूरी प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित हो सकेगी।

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